GST दर की कटौती: अगले महीने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने जा रही जीएसटी काउंसिल में इस पर फैसला लेते हुए जीएसटी की दरों को कम करके इन वस्तुओं को 5 प्रतिशत के स्लैब में लाया जा सकता है.

GST सुधार: यदि आप ब्रांडेड कपड़ों के प्रेमी हैं, तो जल्द ही आपकी खरीददारी पर बिल कम होने जा रहा है। इसके साथ ही, खाद्य आइटम भी सस्ते हो सकते हैं। अगले महीने, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने जा रही GST काउंसिल में इस मुद्दे पर निर्णय लेते हुए, यह संभावना है कि जीएसटी की दरों को कम करके इन चीजों को 5 प्रतिशत स्लैब में लाया जा सकता है।
“टाइम्स ऑफ इंडिया” ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार के कदमों के तहत कपड़े और खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी की दरों को कम करने का प्रस्ताव सरकार की प्राथmनिकता में है।
कई वस्तुओं के मूल्य कम हो जाएंगे।
जीएसटी काउंसिल की अगले महीने यानी 3 और 4 सितंबर को बैठक होने जा रही है, जिसमें केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ सभी राज्य सरकारों से इसके सदस्य के तौर पर शामिल होंगे. इसमें जीएसटी रिफॉर्म के बाद सिर्फ दो स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रखने का प्रावधान किया गया है, जबकि हानिकारक या फिर विलासिता वाली वस्तुओं के ऊपर 40 प्रतिशत जीएसटी दर लगाई जाएगी.
टीओआई के मुताबिक, कुछ राज्यों का यह सुझाव आया है, जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जिनकी तरफ से कहा गया है कि जीएसटी की अधिकतम दरों को 40 प्रतिशत और बढ़ाया जाए. लेकिन इस तरह का कदम एक गलत संकेत जाएगा. इसके साथ ही, कानून में अहम संशोधन की भी जरूरत पड़ेगी.
किन चीजों पर कितना जीएसटी?
ऐसा माना जा रहा है कि सीमेंट के ऊपर जीएसटी की दरें 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत हो सकती हैं. इसके अलावा, सैलून और पार्लर के ऊपर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत किया जा सकता है. एसी, टीवी से लेकर रेफ्रिजरेटर तक को जीएसटी के 18 प्रतिशत स्लैब में लाने का प्रावधान किया जा रहा है.
जबकि हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाली जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य किया जा सकता है. जीएसटी रिफॉर्म के बाद राज्य सरकारों को अपनी रेवेन्यू की चिंता भी सता रही है. ऐसे में अब जीएसटी काउंसिल के दौरान इसका भी रास्ता निकाला जाएगा कि आखिर राज्यों को उन नुकसान की भरपाई केन्द्र की तरफ से किस तरह की जाएगी.