Monday, August 25, 2025
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आजादी के 79 साल बाद भारत अभी भी कई चीजें नहीं बना पा रहा है, जिनके लिए यह कुछ देशों पर निर्भर है।

भारत सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को प्रोत्साहित करने का प्रारंभ किया है। लेकिन अभी भी कई क्षेत्र हैं जिनके लिए काम किया जा रहा है।

भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हो गया था और तब से देश को 79 साल हो गए हैं. इस समय के दौरान, हमारा देश कई क्षेत्रों में स्वायत्तता की दिशा में आगे बढ़ चुका है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत अब भी विदेशी तकनीक और संसाधनों पर निर्भर है. चलिए देखें कि किन-किन श्रेणियों में भारत को आगे बढ़ने की आवश्यकता है और किन देशों पर हमारी आधारिता है.|

सेमीकंडक्टर चिप

सबसे पहले बात करें सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की। आधुनिक तकनीक के आधार माने जा रहे सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन में भारत अभी पीछे है। स्मार्टफोन, कंप्यूटर और रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले इन चिप्स के लिए भारत मुख्य रूप से ताइवान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर निर्भर है। हाल ही में, गौतम अडानी ने कहा कि भारत अपनी 90% सेमीकंडक्टर जरूरतों को आयात करता है। एक छोटा सा व्यवधान हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया है, लेकिन उत्पादन शुरू होने में अभी समय लगेगा।

रक्षा उपकरण और उन्नत हथियार
भारत ने अपने स्वदेशी तेजस जैसे युद्ध विमानों और मिसाइलों में विकास किया है, लेकिन उन्नत रक्षा प्रणालियों जैसे फाइटर जेट इंजन, रडार सिस्टम और उच्च तकनीकी हथियारों के लिए हम विदेशी देशों पर निर्भर हैं। उदाहरण के लिए, फ्रांस से आयात किए गए राफेल विमान और कई मिसाइल प्रणालियों के लिए रूस और इजरायल की तकनीक का उपयोग होता है।

कच्चा तेल और ऊर्जा संसाधन का उपयोगिता।

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है। कच्चे तेल के लिए हम रूस, सऊदी अरब, इराक और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों पर निर्भर हैं। प्राकृतिक गैस और अन्य ऊर्जा संसाधनों के लिए भी रूस और कतर जैसे देशों से आयात होता है। हरित ऊर्जा की दिशा में भारत की प्रगति उल्लेखनीय है, लेकिन तेल और गैस की निर्भरता अभी भी एक चुनौती है।

फार्मास्युटिकल कच्चा माल

भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ कहा जाता है, हालांकि दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के लिए हम चीन पर बहुत हद तक निर्भर हैं. कोविड-19 महामारी ने इस निर्भरता को उजागर किया है, जिसके बाद भारत ने स्वदेशी API उत्पादन पर जोर देना शुरू किया है.

 उन्नत मशीनरी और तकनीक

ऑटोमोबाइल, मेडिकल उपकरण और भारी मशीनरी के लिए, भारत उच्च तकनीकी उपकरण जैसे कि जर्मनी, जापान, और अमेरिका से आयात करता है। उदाहरण के लिए, उन्नत एमआरआई मशीन और अन्य चिकित्सा उपकरणों के लिए हम विदेशी तकनीक पर निर्भर हैं. हालांकि, भारत सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत इन क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की शुरुआत की है।

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