भारत अमेरिका व्यापार वार्ता पर चर्चा जारी है, जयशंकर ने बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के कुछ चिंताएं हैं, जिन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता का मामला आज भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ बयान दिया है. उन्होंने बताया कि यह बातचीत अब भी जारी है. एस जयशंकर ने शुक्रवार (22 अगस्त,2025) को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अभी भी व्यापार वार्ता चल रही है, किसी भी मायने में ऐसा नहीं कहा जा सकता कि बातचीत बंद है. लोग एक-दूसरे से बात करते हैं. ऐसा नहीं है कि वहाँ कोई ‘कुट्टी’ है.
किसानों के हितों पर दी गई आपत्ति की सीमा को पार कर दी गई है।
जयशंकर ने बताया कि भारत ने कुछ सीमा रेखाएं खींची हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इन मुद्दों पर कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं है, और हमारी चिंताएं किसानों और कुछ हद तक छोटे उत्पादकों के हितों से संबंधित हैं।
सोशलबी ने बताया- ‘वार्ता बंद नहीं हुई है’- जयशंकर
एक कार्यक्रम के दौरान जब उनसे भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता की स्थिति पर सवाल किया गया, तो जयशंकर ने बताया कि किसी ने भी बातचीत को रोकने या खत्म करने की बात नहीं की है। उन्होंने कहा, “बातचीत अब भी चल रही है। किसी ने नहीं कहा कि वार्ता बंद हो गई है.”
अमेरिकी टीम की यात्रा स्थगित हो गई।
जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि व्यापार वार्ता के अगले दौर के लिए भारत आने वाली अमेरिकी टीम की यात्रा को टाल दिया जा सकता है.
अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित व्यापार संबंधोंी की स्थिति खराब हो गई है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को एक झटका मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयात पर 25% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उसके बाद, उन्होंने 27 अगस्त से इसे दोगुना करने की धमकी भी दी।
ट्रंप की विदेश नीति पर टिप्पणी।
इस फोरम पर जयशंकर ने राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को इतनी सार्वजनिक रूप से विदेश नीति चलाते नहीं देखा गया है। यह तरीका पारंपरिक तौर पर चलने वाले बहुत अलग है और यह सिर्फ भारत के सीमित नहीं है।
रूसी तेल खरीदने का संकेत।
जयशंकर ने संकेत दिया कि अमेरिकी सरकार ने भारत के रूसी तेल आयात के मुद्दे पर नई दिल्ली के साथ चर्चा किए बिना ही भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने का निर्णय लिया।