Friday, August 22, 2025
spot_img

Latest Posts

ट्रंप के तंज के बाद सरकार एक्शन में, भारत पेश करेगा आर्थिक मजबूती का आईना

भारत-रूस सौदा: जब अमेरिका के साथ बातचीत नाकाम रही तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला दा सिल्वा और रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की।

भारत-यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के नए व्यापारिक संवाद की शुरुआत के साथ, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “डेड इकोनॉमी” घोषित किया था और अमेरिकी टैरिफ को 50 प्रतिशत बढ़ाने का एलान किया था. इस बयान के बाद, भारत-अमेरिका व्यापारिक बातचीत लगभग ठप हो गई है. अब भारत ने जवाबी कदम के रूप में रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के साथ नई व्यापारिक चर्चाएं शुरू कर दी है।

रूस-भारत साझेदारी को नई गति मिल रही है।

बुधवार को भारत और ईएईयू के बीच मॉस्को में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर टर्म ऑफ़ रेफ़रेंस पर दस्तखत किए गए. भारत की ओर से वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव अजय भाडू और ईईसी के ट्रेड एंड पॉलिसी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर मिखाइल चेरेकोव ने करार पर हस्ताक्षर किए. यह वार्ता ऐसे समय में शुरू हुई है जब नई दिल्ली अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच चीन, रूस और ब्राजील की ओर रणनीतिक रूप से झुकाव दिखा रहा है.

अमेरिका को एक करारा जवाब मिला।

अमेरिका से बातचीत में विफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला दा सिल्वा और रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन से फोन पर चर्चा की। उम्मीद है कि महीने के अंत में वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे। यह संदेश स्पष्ट है कि भारत अब अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना चाहता।

क्या बड़ी परेशानी है?

भारत और ईयू के बीच वर्ष 2024 में 69 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था, जो 2023 की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है. इस 6.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ एफटीए होने से भारतीय निर्यातकों को नए बाजार मिल सकते हैं. इससे विशेष रूप से कपड़ा उद्योग और फार्मा सेक्टर को बड़ा फायदा होगा.

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं. भारत का रूस से आयात तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन निर्यात अपेक्षाकृत कम है. 2019 में जहां भारत का रूस को निर्यात 2.39 बिलियन डॉलर था, वह 2025 में बढ़कर सिर्फ 4.88 बिलियन डॉलर ही हो सका है. वहीं, भारत का रूस से आयात तेल पर निर्भरता के कारण बहुत बढ़ गई है और अब यह 35–40 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. इस वजह से दोनों देशों के बीच व्यापारिक घाटा 60 बिलियन डॉलर से अधिक है.

कुल मिलाकर, भारत ने ट्रंप के “डेड इकोनॉमी” वाले बयान का सीधा आर्थिक मोर्चे पर जवाब दिया है. अगर ईएईयू के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट जल्दी अमल में आता है तो भारत को अमेरिकी दबाव से बाहर निकलने और नए बाजार तलाशने में बड़ी मदद मिलेगी.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.