गणेश चतुर्थी 2025: दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का आगाज बुधवार 27 अगस्त को हो रहा है और 8 सितंबर तक चलेगा जब अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) है। जानिए कि गणेश चतुर्थी के पहले दिन क्या करें और क्या नहीं करें।

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार यह हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है और अनंत चतुर्दशी तक मनाई जाती है। इन 10 दिनों में भगवान गणेश की स्थापना कर पूजा-पाठ का आयोजन होता है।
इस साल गणेश उत्सव या गणेश चतुर्थी का शुभारंभ बुधवार 27 अगस्त 2025 से हो रहा है। इस दिन मंदिर, घर और पूजा पंडाल आदि स्थानों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और 10 दिनों बाद प्रेमपूर्वक बप्पा की विदाई की जाएगी। इस तरह से पूरे 10 दिनों तक धूमधाम से गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा। लेकिन पहला दिन बहुत ही खास होता है, क्योंकि इसी दिन बप्पा का आगमन होता है। इसलिए यह जान लें कि गणेश चतुर्थी के पहले दिन कौन से कार्य करने चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए।
गणेश चतुर्थी से पहले ये काम जरूर करें।
- 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पहला दिन आने वाला है। इस दिन अपने पूजाघर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सफाई करें और साज-सजावट भी करें।
- उसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति को उपयुक्त विधि-विधान के साथ स्थापित करें और शुभ मुहूर्त में इसका आयोजन करें। गणेश चतुर्थी के अवसर पर सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक का समय शुभ माना जाता है।
- गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करने से पहले संकल्प जरूर लें। आप एक दिन, डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन, सात दिन या 10 दिनों के लिए भगवान की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। आप जितने दिनों के लिए प्रतिमा घर पर स्थापित करें, उतने दिनों का संकल्प पहले दिन ही लेना चाहिए और इसके बाद गणपति का विसर्जन कर देना चाहिए।
- पहले दिन गणेश स्थापना के साथ ही कलश स्थापना करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। गणेश जी की मूर्ति के पास कलश स्थापित करें। कलश में गंगाजल भरकर आम के पत्ते, सुपारी, सिक्का, अक्षत, कुमकुम, आदि डालें और ऊपर से नारियल रखें।
गणेश चतुर्थी के पहले दिन इस बात का ध्यान रखें कि क्या नहीं करना चाहिए।
चंद्र दर्शन- मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए. इस दिन चंद्रमा देखने वाले व्यक्ति पर मिथ्या दोष या फिर झूठा कलंक लग सकता है.
नकारात्मक विचारों से दूर रहें – गणेश चतुर्थी के पावन दिन पर ही बप्पा का स्वागत होता है. इसलिए इस दिन वाद-विवाद और लड़ाई-झगड़े से बचें. साथ ही नकारात्मक बातें भी न कहें।
तुलसी को न चढ़ाएं – गणेश जी की मूर्ति स्थापना करते समय उन्हें पूजा में भूलकर भी तुलसी को अर्पित न करें। भगवान गणेश को तुलसी चढ़ाना शास्त्रों के अनुसार मना है।
भगवान गणेश – की मूर्ति को अकेला न छोड़ें- उनकी स्थापना के बाद प्रतिमा को एकाकी नहीं छोड़ना चाहिए.