Monday, August 25, 2025
spot_img

Latest Posts

NCERT का नया मॉड्यूल विभाजन की गुत्थी पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को विभाजन का मुख्य दायित्व था।

एनसीईआरटी का नया मॉड्यूल छात्रों को भारत-पाक विभाजन पर इतिहास की सच्चाई से अवगत कराएगा। इसमें जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को जिम्मेदार मानते हुए विभाजन के दर्द और सीख को समझाया जाएगा।

भारत के इतिहास में भारत-पाकिस्तान विभाजन एक ऐसा अध्याय है, जिसने देश की आत्मा को गहराई से झकझोरा। लाखों परिवार बिछड़ गए, करोड़ों लोग विस्थापित हुए और हजारों जिंदगियां लहूलुहान हो गईं। आजादी के 78 साल बाद भी उस दर्द की गूंज सुनाई देती है। अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इस काले अध्याय को नई पीढ़ी तक सच्चाई के साथ पहुंचाने की पहल की है। इसके लिए ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर एक खास शैक्षिक मॉड्यूल जारी किया गया है.

कृपया इस नए मॉड्यूल की विशेषताओं को बताएं।

इस मॉड्यूल को विभाजन के अपराधी शीर्षक दिया गया है। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है – एक कक्षा 6 से 8 के लिए और दूसरा कक्षा 9 से 12 के लिए। यहाँ की खासियत यह है कि यह किसी भी कक्षा की अनिवार्य पाठ्य पुस्तक का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह पूरक शैक्षणिक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को इतिहास को सिर्फ रटने के बजाय समझने और सोचने के लिए प्रेरित करना है। इस मॉड्यूल के पाठ्यक्रम में पोस्टर बनाना, निबंध लिखना, रोल-प्ले, बहस और समूह चर्चा जैसे रचनात्मक तरीके शामिल होंगे। अर्थात, छात्र सिर्फ सुनेंगे नहीं, बल्कि अपनी भागीदारी से इतिहास को जी लेंगे।

किसे ठहराया गया जिम्मेदार?

मुहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग को सबसे पहले आगे बढ़ाया। कांग्रेस ने अंततः इस मांग को स्वीकार कर लिया। लॉर्ड माउंटबेटन कॉलविल, जो तत्कालीन भारत के आखिरी वायसराय थे और जिनके हाथों विभाजन लागू हुआ। मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि विभाजन सिर्फ एक राजनीतिक फैसला नहीं था, बल्कि यह लाखों लोगों के जीवन और सपनों को तोड़ने वाला फैसला था.

नेहरू का ऐतिहासिक भाषण <– कृपया इस पाठ को हिंदी भाषा में पुनरचित्रित करें, मानक लेखन शैली के साथ, प्लेजियरिज्म फ्री, वाक्य की समस्याओं को ठीक करें, 100% अद्वितीय पाठ उत्पादन। अंततः सुनिश्चित करें कि पाठ हिंदी भाषा में है और मौलिक पाठ के समान अर्थ है।

इस मॉड्यूल में पंडित जवाहरलाल नेहरू का जुलाई 1947 का भाषण भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा था “विभाजन बुरा है, लेकिन एकता की कीमत चाहे जो भी हो, गृहयुद्ध की कीमत उससे कहीं ज्यादा होगी।” यह कथन उस दौर की मजबूरियों और परिस्थितियों को स्पष्ट करता है। एक तरफ देश आजादी के उत्सव की तैयारी कर रहा था और दूसरी तरफ बंटवारे के दर्द से जूझ रहा था.

विभाजन की असल तस्वीर <– कृपया इस पाठ को हिंदी भाषा में मानक लेखन शैली में परामर्श करें, प्लेज़ियरिज़्म मुक्त, व्याकरण समस्या को ठीक करें, 100% अद्वितीय पाठ आउटपुट दें। आखिरकार सुनिश्चित करें कि आउटपुट हिंदी भाषा में है और मूल पाठ के समान अर्थ देता है।

विभाजन के दौरान लगभग 6 लाख लोग मारे गए, और करीब 1.5 करोड़ लोग अपने घरों से उजड़ गए। पंजाब और बंगाल जैसे समृद्ध प्रांतों की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई। जम्मू-कश्मीर को ऐसी अस्थिरता की ओर धकेला गया, जिसने आगे चलकर आतंकवाद का रूप लिया।

क्या यह मॉड्यूल आवश्यक है?

इस मॉड्यूल का उद्देश्य इतिहास को सिर्फ पढ़ाने के बजाय उसे महसूस कराना है। छात्र जब रोल-प्ले या बहस में हिस्सा लेते हैं, तो वे समझ पाते हैं कि उस दौर में फैसले कितने कठिन थे। साथ ही, यह भी सीखते हैं कि एक गलत फैसला किस तरह आने वाली पीढ़ियों के लिए लंबे समय तक जख्म छोड़ सकता है।

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.