No menu items!
Tuesday, November 18, 2025
spot_img

Latest Posts

विवाद क्यों बढ़ गया है ‘खालिद का शिवाजी’ को लेकर? बैन की मांग उठने का कारण जानें

महाराष्ट्र में ‘खालिद का शिवाजी’ नामक एक मराठी फिल्म पर काफी विवाद है। कई हिंदू संगठनों ने इस फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को छेदछाड़ करने का आरोप लगाया है।

महाराष्ट्र में एक मराठी फिल्म ‘खालिद का शिवाजी’ के खिलाफ बड़ा विवाद मचा हुआ है। कुछ हिंदूवादी संगठनों ने इस फिल्म का विरोध किया है और दावा किया है कि इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को बिगाड़ा गया है। उनका कहना है कि फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ किया गया है।

हिंदू महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने बताया, “फिल्म छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है, निर्माताओं ने उन्हें धार्मिक दृष्टिकोण से दिखाया है, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। अगर सरकार इस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाती, तो हम उन सिनेमाघरों में प्रदर्शन करेंगे जहाँ यह फिल्म चल रही है।”

महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले पर कहा है कि वह फिल्म के सीबीएफसी प्रमाणन को रद्द करने की मांग करेगी।

सीएम के भाषण के दौरान फिल्म विरोधी नारे उठे थे।

मुंबई (वर्ली) स्थित एनएससीआई डोम में जब हीरक जयंती राज्य फिल्म पुरस्कार समारोह चल रहा था, उसी दौरान हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने फिल्म के खिलाफ नारे भी लगाए थे. वहीं भाजपा के मंत्रियों ने अब फिल्म को दी गई सेंसर बोर्ड की मंजूरी पर दोबारा विचार करने की बात कही है.

महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री ने क्या कहा? 

महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने कहा, “हम वहाँ लोगों की भावनाओं को समझते हैं जिन्होंने फिल्म के खिलाफ अपनी आपत्तियां जाहिर की हैं. सीबीएफसी ने इस फिल्म को प्रमाणित किया है. मैंने… सांस्कृतिक मामलों के विभाग के प्रमुख सचिव को फिल्म के लिए सीबीएफसी प्रमाणपत्र पर फिर से विचार करने के निर्देश दिए हैं.”

ट्रेलर के बाद से मचा बवाल

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक खालिद का शिवाजी को डायरेक्टर राज प्रीतम मोरे ने बनाया है. उन्होंने 2019 में अपनी मराठी फिल्म खिस्सा के लिए ‘निर्देशक की बेस्ट डेब्यू नॉन-फीचर फिल्म’ कैटेगिरी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था. इसी हफ्ते रिलीज़ होने वाली उनकी लेटेस्ट फिल्म एक मुस्लिम लड़के के बारे में है जो लाइफ के एक्सपीरियंस से छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सीखता है.

  • खालिद का शिवाजी का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से सारा बखेड़ा खड़ा हुआ है। फिल्म के 2.3 मिनट के ट्रेलर ने दर्शकों को नाराज कर दिया है।
  • ट्रेलर में विदर्भ के वर्धा ज़िले में रहने वाले एक युवक की कहानी दिखाई गई है, जिन्हें खालिद नाम से जाना जाता है.
  • फिल्म में खालिद को उसके क्लासमेंट द्वारा अफ़ज़ल खान कहकर चिढ़ाया जाता है, जो शिवाजी महाराज द्वारा मारा गया आदिलशाही सेनापति था और महाराष्ट्र में उससे बहुत नफ़रत की जाती थी.
  • ट्रेलर में एक किरदार कहता सुनाई देता है, “सच्चा राजा वह होता है जो धर्म में विश्वास नहीं रखता. सच्चा राजा वह होता है जो पूरी दुनिया के धर्म का पालन करता है.” फिल्म में खालिद नाम के किरदार को शिवाजी महाराज का वेश धारण करते हुए भी दिखाया गया है.

फिल्म पर क्यों हो रहा विवाद

  • खालिद ने उन हिंदू संगठनों पर आरोप लगाया है कि फिल्म मेकर्स ने छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास गलत ढंग से दिखाया है और उसमें छेदछाड़ की गई है। यह निषेधात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है।
  • हिंदू विचारधारा कुछ बहसों का विरोध कर रही है, जैसे की शिवाजी महाराज की सेना में मुस्लिम सैनिकों का प्रतिशत और रायगढ़ में मस्जिद का निर्माण जैसे विषयों पर।
  • संगठनों का आरोप है कि इस फिल्म से समाज में फूट डालने की कोशिश हो रही है.
  • इसके चलते फिल्म के बैन की मांग हो रही है.
  • हिंदू महासंघ ने उसी समय सेंसर बोर्ड को एक पत्र भेजकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का आग्रह किया है, और साथ ही फिल्म निर्माताओं को एक लीगल नोटिस भेजकर अपनी आपत्ति जताई गई है।

फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है

विवादों के बावजूद, इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है, यह इस साल कान फिल्म समारोह में प्रदर्शन के लिए चुनी गई कुछ मराठी फिल्मों में से एक थी. महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने पहले फिल्म की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कहा था, “खालिद का शिवाजी आज के समाज में युवा मन के विचारों और उनकी पहचान की तलाश को उजागर करती है.” उन्होंने इसके कान चयन को “मराठी सिनेमा के लिए गौरव का क्षण” बताया था.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.