बजाज ऑटो को इलेक्ट्रिक वाहन व्यापार में बड़ा धक्का लगा है। कंपनी को दूसरी तिमाही में इलेक्ट्रिक स्कूटर और थ्री-व्हीलर की डिलीवरी में कमी हो सकती है। इसकी पीछे की वजह को जानने के लिए हमें आगे बढ़ना चाहिए।
बजाज ऑटो के इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कारोबार की रफ्तार पर अब ब्रेक लगा सकती है। इस बार दिक्कत किसी बाजार या तकनीक की नहीं, बल्कि एक जरूरी कच्चे माल की है। रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी की वजह से बजाज को दूसरी तिमाही में अपनी गाड़ियों की डिलीवरी में कटौती करनी पड़ सकती है।

EV कारोबार में बढ़ती हिस्सेदारी की चर्चा हो रही है।
बजाज ऑटो का इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले, इस साल कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहन व्यापार ने कुल घरेलू राजस्व का 20% से अधिक हासिल कर लिया है। पिछले साल यह हिस्सा लगभग 13 से 14 प्रतिशत के बीच था। इससे स्पष्ट होता है कि बजाज के लिए इलेक्ट्रिक वाहन व्यापार अब एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
डिलीवरी घटने की चेतावनी
बजाज ऑटो के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश शर्मा ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी के कारण कंपनी इस तिमाही में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों की डिलीवरी सिर्फ 50-60% तक ही कर पाएगी. वहीं इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की डिलीवरी 70-80% के आसपास ही रह सकती है. इसका सीधा मतलब है कि मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों की सप्लाई कम हो जाएगी और ग्राहकों को इंतजार करना पड़ेगा.
बजाज कर रही है समाधान की तलाश
इस संकट से निपटने के लिए बजाज अब समाधान खोजने में जुट गई है। कंपनी की प्रयास है कि ईवी मोटर्स को इस तरह से पुनः डिज़ाइन किया जाए कि वे लाइट रेयर अर्थ के साथ भी काम कर सकें। राकेश शर्मा ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक रेयर अर्थ मैग्नेट पर निर्भरता को कम कर दिया जाए। इस रणनीति के अनुसार, कंपनी वैकल्पिक सप्लाई चेन और टेक्नोलॉजी की तलाश में है, ताकि भविष्य में इस तरह की रुकावटों से बचा जा सके।
चीन पर निर्भरता बनी बड़ी चिंता
- बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज पहले ही इस बात की चेतावनी दे चुके हैं कि अगर चीन ने हेवी रेयर अर्थ मैग्नेट का निर्यात बंद कर दिया, तो भारत का EV इंडस्ट्री कुछ ही हफ्तों में ठप हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इलेक्ट्रिक मोटर्स के निर्माण में रेयर अर्थ मैग्नेट की जरूरत अनिवार्य होती है, और इनका सबसे बड़ा सप्लायर फिलहाल चीन ही है. बता दें कि बजाज ऑटो का EV कारोबार अभी तक अच्छी ग्रोथ दिखा रहा था, लेकिन रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई में आई यह कमी आगे चलकर एक बड़ी चुनौती बन सकती है.