लोन फ्रॉड केस में एक दिन पहले, मंगलवार को, ईडी ने अनिल अंबानी से अपने मुख्यालय में पूछताछ की. साथ ही उन्हें सात दिन का समय दिया गया है ताकि वे जांच के दौरान पूछे गए सवालों से संबंधित दस्तावेज़ जमा करवा सकें. उन्हें आराम से उन सवालों के जवाब देने का मौका दिया गया है ताकि वे अपनी पकड़ को साबित कर सकें।

Loan Fraud Case: लोन फ्रॉड केस में सीबीआई और ईडी द्वारा जांच के बीच, अनिल अंबानी की दो कंपनियों के शेयरों में पिछले छह कारोबारी दिनों में करीब 19 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है। आज, यानी 6 अगस्त 2025 को भी, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में गिरावट का चल रहा है। बुधवार को, रिलायंस इन्फ्रा में 0.84 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि रिलायंस पावर का शेयर 0.88 प्रतिशत तक उतार गया।
अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर मूद गए हैं।
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोन धोखाधड़ी मामले में एक दिन पहले, मंगलवार को, ईडी ने अनिल अंबानी से अपने मुख्यालय में पूछताछ की। साथ ही उन्हें सात दिन का समय दिया गया है ताकि वे जांच के दौरान पूछे गए सवालों से संबंधित दस्तावेज़ जमा करवा सकें। खबरों के मुताबिक, अब ईडी की ओर से रिलायंस ग्रुप के अन्य वरिष्ठ सदस्यों से भी पूछताछ की जा रही है।
मंगलवार को ईडी ने अनिल अंबानी से लगभग 10 घंटे तक बातचीत की। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उनका बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया गया। इस दौरान अनिल अंबानी से लगभग दर्जन सवाल किए गए। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान उन्होंने किसी भी तरह की गड़बड़ी का इंकार किया। साथ ही अनिल अंबानी ने यह भी बताया कि उनकी कंपनियों ने रेगुलेटर SEBI को समय-समय पर अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी दी है।
क्या है पूरा मामला? यह कार्रवाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) सहित अनिल अंबानी की कई कंपनियों द्वारा कथित वित्तीय अनियमितताओं और 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण की राशि के हेरफेर से संबंधित है. पहला आरोप 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के “अवैध” ऋण के दुरुपयोग से जुड़ा है. ईडी को संदेह है कि ऋण दिए जाने से ठीक पहले यस बैंक के प्रवर्तकों ने अपनी कंपनियों में धन “प्राप्त” किया था. एजेंसी इस पूरे नेटवर्क में “रिश्वत” और ऋण के गठजोड़ की गहराई से जांच कर रही है.