भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के अंत होने के बाद वर्कलोड मैनेजमेंट पर सवाल उठाए हैं.

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने वर्कलोड की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में सिर्फ तीन मुकाबले ही खेले। बुमराह के फिट होने के बाद भी टेस्ट मैचों में अनुपस्थिति से वर्कलोड को लेकर विवाद उठ गया है। कई पूर्व क्रिकेटरों ने इसकी आलोचना की है। इस मामले में भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर का भी नाम आ गया है। गावस्कर ने वर्कलोड के बारे में जो टिप्पणी की है, वह बहुत चर्चा का विषय बन सकती है।
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने उम्मीद जताई है कि मोहम्मद सिराज इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद वर्कलोड मैनेजमेंट (कार्यभार प्रबंधन) जैसे शब्द भारतीय क्रिकेट के शब्दकोष से सदैव ही गायब हो जाएगा.
क्या सीमा पर जवान ठंड की शिकायत करते होंगे- सुनील गावस्कर
मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ सभी पांच टेस्ट मैच खेले और कुल 185.3 ओवर फेंके, जिसमें उन्होंने 23 विकेट लिए. दूसरी ओर, भारत के शानदार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह केवल तीन मैचों में ही खेले और अपने कार्यभार प्रबंधन के तहत ओवल में खेले गए पांचवें टेस्ट मैच में भी नहीं खेल पाए.
सुनील गावस्कर ने स्पष्ट किया कि वह बुमराह की आलोचना नहीं कर रहे हैं, क्योंकि यह किसी और चीज से ज्यादा चोट प्रबंधन का मामला था. गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में कहा, “जब आप अपने देश के लिए खेल रहे हों, तो दर्द और तकलीफ़ों को भूल जाइए. क्या आपको लगता है कि सीमा पर जवान ठंड की शिकायत करते होंगे. ऋषभ पंत ने आपको क्या दिखाया? वह पांव में फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाजी करने आए थे. आप खिलाड़ियों से यही उम्मीद करते हैं. भारत के लिए क्रिकेट खेलना सम्मान की बात है.”
उन्होंने कहा, “आप 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और यही हमने मोहम्मद सिराज में देखा. मुझे लगता है कि सिराज ने पूरे दिल से गेंदबाजी की और उन्होंने काम के बोझ जैसे शब्द को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. पांच टेस्ट मैचों में उन्होंने लगातार 7-8 ओवर गेंदबाजी की, क्योंकि कप्तान उनसे यही उम्मीद कर रहा था और देश को भी उनसे यही उम्मीद थी.”