भारतीय कुल्फी ने TasteAtlas की ताजा रिपोर्ट में दुनियाभर के 50 सर्वश्रेष्ठ फ्रोजन डेजर्ट्स में 8वां स्थान हासिल किया है। अपने स्वाद और फ्लेवर के कारण कुल्फी ने जैलैटो डेजर्ट्स को भी पीछे छोड़ दिया

जब बात ठंडी मिठाइयों की होती है, तो पूरी दुनिया में आइसक्रीम और जैलैटो के प्रेमी मिल जाते हैं, लेकिन इस बार भारतीय मिठास कुल्फी ने ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर सबका दिल जीत लिया है। विश्व प्रसिद्ध खाद्य गाइड TasteAtlas ने जुलाई 2025 की ताज़ा रिपोर्ट में दुनिया के 50 सबसे अच्छे फ्रोजन डेजर्ट्स की सूची जारी की है। इसमें भारतीय कुल्फी ने आठवां स्थान हासिल किया है
सफर शुरू हुआ मुगल रसोई से
कुल्फी का इतिहास बहुत पुराना है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रॉयल डेजर्ट 16वीं सदी के मुगल समय से जुड़ा है। इसे उस समय के राजा महाराजों के लिए तैयार किया जाता था, जिसमें गाढ़ा दूध, केसर और मेवे मिलाकर धातु के मोल्ड में जमाया जाता था। फिर इसे हिमालय से लायी गई बर्फ में रखा जाता था ताकि वह ठंडा हो सके। यह उस समय की कोल्ड स्टोरेज तकनीक की एक मिसाल मानी जाती थी
स्वाद जो सिर्फ मीठा नहीं, बल्कि यादों का भी साथ देता है
आज भी कुल्फी का वही गाढ़ा और मलाईदार स्वाद लोगों को उनके बचपन की गलियों, ठेले पर बिकती कुल्फी और गर्मियों के त्योहारों की याद दिला देता है। खास बात यह है कि कुल्फी अब शाकाहारी लोगों के लिए भी एक पसंदीदा विकल्प बन चुकी है। कुछ सेलिब्रिटी शेफ बताते हैं कि ‘कुल्फी’ शब्द की जड़ें पारसी भाषा के ‘कुल्फी’ शब्द में हैं, जिसका अर्थ होता है – ढका हुआ कप, जैसा कि वह सांचा जिसमें कुल्फी जमाई जाती है। समय के साथ यह पारंपरिक मिठाई मिट्टी के मटकों, पत्तों और छोटी कटोरियों में भी परोसी जाने लगी है
कुल्फी इतनी खास क्यों है
आम आइसक्रीम की तुलना में कुल्फी को फेंटकर नहीं जमाया जाता, जिससे इसका टेक्सचर कहीं अधिक गाढ़ा और ठोस होता है। यही कारण है कि यह धीरे-धीरे मुंह में घुलती है और एक समृद्ध स्वाद का अनुभव कराती है। कुल्फी में इलायची, केसर, गुलाबजल, बादाम और पिस्ता जैसे पारंपरिक देसी फ्लेवर इसे और भी खास बना देते हैं।
देशी स्वाद को वैश्विक पहचान
आजकल कई प्रकार की कुल्फी जैसे मलाई कुल्फी, आम कुल्फी, केसर पिस्ता, फालूदा कुल्फी और मटका कुल्फी इस डेजर्ट को उपलब्ध किया गया है। TasteAtlas की वैश्विक सूची में कुल्फी ने बाकी प्रसिद्ध फ्रोजन डेजर्टों के साथ अपनी महत्वपूर्ण स्थिति बनाई है, जो भारतीय भोजन की धरोहर के लिए गर्वशील है। कुल्फी के अतिरिक्त, कुल्फी फालूदा भी इस सूची में अपनी जगह बनाई है, जिसे 31वें स्थान पर स्थानांतरित किया गया है