भारतीय सेना अक्टूबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र ट्रूप कंट्रीब्यूटर चीफ्स कॉन्क्लेव का आयोजन करेगी, जिसमें पाकिस्तान और चीन को आमंत्रित नहीं किए जाने का निर्णय लिया गया है

पहलगाम हमले में सीधे तौर पर शामिल होने और भारत के खिलाफ आतंक फैलाने के आरोपों के चलते भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना के साथ अपने सैन्य संबंध पूरी तरह समाप्त कर दिए हैं। इसी कारण, अक्टूबर 2025 में होने वाले संयुक्त राष्ट्र ट्रूप कॉन्ट्रिब्यूटर चीफ्स कॉन्क्लेव के लिए पाकिस्तान को आमंत्रण नहीं भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया जाएगा
संयुक्त राष्ट्र से जुड़े इस सम्मेलन में भारतीय सेना उन देशों की सेनाओं के प्रमुखों को आमंत्रित करने जा रही है, जो संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशनों (UN Peacekeeping Missions) में सक्रिय रूप से अपने सैनिक तैनात करते हैं। वर्तमान में दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के कुल 11 शांति मिशन संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 120 देशों की सेनाएं भाग ले रही हैं। भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने सबसे अधिक सैनिक इन मिशनों में तैनात किए हुए हैं
पहली बार आयोजन यूएन कॉन्क्लेव का
भारतीय सेना पहली बार इस तरह के यूएन कॉन्क्लेव का आयोजन कर रही है, लेकिन इस खास सम्मेलन में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को आमंत्रित नहीं किया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि असीम मुनीर के निर्देशन में लश्कर ए तैयबा का फ्रंट, द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF), पहलगाम नरसंहार जैसी घातक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है
भारतीय सेना के करीब पांच हजार सैनिक
संयुक्त राष्ट्र के 11 मिशनों में से 9 में इस समय भारतीय सेना के लगभग 5,000 सैनिक तैनात हैं। गृहयुद्ध से प्रभावित सूडान और कांगो से लेकर इजराइल-सीरिया-लेबनान के विवादित गोलान हाइट्स तक भारतीय सेना सक्रिय भूमिका निभा रही है। कई बार इन मिशनों में भारत और पाकिस्तान के सैनिक एक साथ तैनात होते हैं। लेकिन पहलगाम हमले में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की भूमिका और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के जरिए प्रॉक्सी युद्ध छेड़ने के बाद भारतीय सेना का सब्र टूट गया है। इसी कारण भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना से अपने सभी सैन्य संबंध पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय लिया है, और इसीलिए पाकिस्तान को यूएन चीफ कॉन्क्लेव के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है
थार रेगिस्तान में एक एंटीग्रेटेड फायरिंग ड्रिल
पहलगाम हमले (22 अप्रैल) को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में सक्रिय लश्कर ए तैयबा के फ्रंट, द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने अंजाम दिया था। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने भी इस हमले के लिए लश्कर को जिम्मेदार ठहराया है। सूत्रों के अनुसार, इस सम्मेलन में चीन को भी आमंत्रित नहीं किया जाएगा। हालांकि पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट हो चुका है, लेकिन पिछले सात-आठ वर्षों से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ विवाद जारी है
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान के सहयोग के कारण पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के साथ फिलहाल संबंधों में सुधार की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले ट्रूप कंट्रीब्यूटर कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने वाले विभिन्न देशों के सेना प्रमुखों को राजस्थान के थार रेगिस्तान में एक समन्वित फायरिंग ड्रिल में भी ले जाया जाएगा। इस ड्रिल में स्वदेशी टैंकों, तोपों और अन्य हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना की आधुनिक क्षमताओं का प्रभावशाली प्रदर्शन किया जाएगा