ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने अमेरिका पर तख्तापलट की साजिश में शामिल होने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया है।

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने अमेरिका पर तख्तापलट की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ब्राजील में सोशल मीडिया को लेकर तनाव बना हुआ है। पिछले साल सितंबर में ट्विटर (अब एक्स) पर बैन को लेकर जनता सड़कों पर उतर आई थी। ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने एलन मस्क और एक्स को देश के कानूनों का उल्लंघन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संचालित करने का दोषी ठहराया था।
एक्स बैन के खिलाफ हुए आंदोलन को विपक्षी नेता और पूर्व राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने समर्थन दिया था, जिन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी सहयोग प्राप्त है। राष्ट्रपति लूला का यह आरोप ऐसे समय में सामने आया है जब ट्रंप ने ब्राजील पर 50% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की है। यह फैसला ब्राजील की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डाल सकता है। ट्रंप का कहना है कि यह कदम बोलसोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे के जवाब में उठाया गया है, जबकि राष्ट्रपति लूला इसे ब्राजील की संप्रभुता और राष्ट्रीय गरिमा पर सीधा हमला मानते हैं।
ट्रंप-बोल्सोनारो गठजोड़ और लोकतंत्र पर खतरे की घंटी
ब्राजील की राजनीति में जैर बोल्सोनारो का प्रभाव और अमेरिका के साथ उनके संबंध काफी अहम माने जाते हैं। डोनाल्ड ट्रंप और बोल्सोनारो के बीच वैचारिक समानता और रणनीतिक सहयोग लंबे समय से चला आ रहा है। दोनों नेताओं पर यह आरोप लग चुके हैं कि उन्होंने चुनाव परिणामों को अस्वीकारते हुए लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश की। बोल्सोनारो ने ब्राजील के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाए और चुनाव परिणामों को नकारने की योजना बनाई। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सेना से संपर्क कर चुनाव रद्द करवाने और दोबारा कराने की साजिश रची थी, ताकि राष्ट्रपति लूला को सत्ता में आने से रोका जा सके।
डॉलर के वर्चस्व पर लूला का प्रहार और BRICS करेंसी की वकालत
इस बीच ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने अमेरिकी डॉलर पर वैश्विक निर्भरता को लेकर गंभीर चिंता जताई है और इसके विकल्पों की तलाश पर जोर दिया है। उनका मानना है कि पूरी दुनिया का केवल डॉलर पर निर्भर होना एक बड़ा आर्थिक जोखिम है। इसी संदर्भ में उन्होंने BRICS देशों के बीच एक वैकल्पिक करेंसी प्रणाली की आवश्यकता को रेखांकित किया है। लूला का सुझाव है कि ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका मिलकर एक साझा मुद्रा विकसित करें, जो डॉलर पर निर्भरता को घटाकर वैश्विक आर्थिक संतुलन को बेहतर बना सके। यह विचार कई विकासशील देशों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है, जो वैश्विक आर्थिक शक्ति-संतुलन में बदलाव देखना चाहते हैं।