भारत में फ्रेंडशिप डे हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। आज रविवार 3 अगस्त को यानि फ्रेंडशिप डे के खास मौके पर हम आपको बताएंगे कि मुगल बादशाह अकबर के खास दोस्त कौन थे।

दोस्ती का रिश्ता सबसे सुंदर और अनमोल होता है। एक सच्चा दोस्त जिंदगी के हर उतार-चढ़ाव में हमारा साथ देता है, हमारी गलतियों को समझाता है, कमियों को दूर कर हमें बेहतर इंसान बनाता है। भारत में फ्रेंडशिप डे हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। आज यानी 3 अगस्त का दिन दोस्ती के इस खास बंधन को सेलिब्रेट करने और अपने दोस्तों के प्रति आभार जताने का सुनहरा मौका है। फ्रेंडशिप डे पर आपने कई दोस्ती की कहानियाँ जरूर सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको मुगल बादशाह अकबर और उनके खास तीन दोस्तों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं अकबर के सबसे करीबी दोस्त कौन थे।
अकबर के करीबी दोस्त कौन थे ?
मुगल बादशाह अकबर के सबसे निष्ठावान और विश्वसनीय दोस्त उनके नवरत्न ही थे। ये उनके दरबार में सलाहकार के रूप में ही नहीं बल्कि अच्छे मित्र के रूप में भी माने जाते थे। इन तीनों बीरबल, अबुल फजल और तानसेन खासकर अकबर के सच्चे दोस्त थे।
बीरबल
अबुल फजल अकबर के प्रमुख इतिहासकार और विश्वसनीय सलाहकार थे। उन्होंने ‘अकबरनामा’ और ‘आईन-ए-अकबरी’ जैसी महान कृतियों के माध्यम से अकबर के शासनकाल को इतिहास में अमर कर दिया। यदि हम इतिहास की ओर नजर डालें, तो यह साफ़ होता है कि अकबर के कई सैन्य अभियानों में अबुल फजल ने न केवल रणनीतिक सलाह दी, बल्कि उनकी सफलता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तानसेन
तानसेन 16वीं सदी के महान संगीतज्ञ और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित गायक थे। उनका जन्म ग्वालियर में हुआ था और वे संगीत की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ गए। अकबर के साथ उनकी दोस्ती केवल संगीत तक सीमित नहीं थी — उनकी बुद्धिमानी, विनम्रता और निष्ठा ने उन्हें सम्राट का भरोसेमंद साथी बना दिया। माना जाता है कि तानसेन द्वारा गाए गए राग दीपक और राग मेघ मल्हार ने न केवल दरबार को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि अकबर के साथ उनके व्यक्तिगत संबंधों को भी और अधिक प्रगाढ़ बना दिया। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, तानसेन के राग दीपक से दीप जल उठे और राग मेघ मल्हार से बारिश होने लगी थी।