Saturday, August 2, 2025
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व्यक्तिगत नौकरी करने वालों को सबसे ज्यादा खतरा होता है कई बीमारियों का, इनसे बचने के लिए क्या करें?

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों पर हाल ही में एक सर्वे किया गया था। इस सर्वे में पता चला कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 20 प्रतिशत लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं।प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों की लाइफस्टाइल में बहुत सारी समस्याएं होती हैं, और एक नया रिसर्च यह दिखाता है कि ये समस्याएं और भी बढ़ रही हैं। हाल ही में एक सर्वे में पाया गया कि प्राइवेट सेक्टर के 70% से अधिक कर्मचारी बीमारियों की चपेट में हैं। इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और स्ट्रेस जैसी बीमारियां शामिल हैं, जिनकी वजह से उनकी जिंदगी पर बहुत गहरा असर पड़ रहा है। यहाँ जानिए कि इन बीमारियों की वजह से बढ़ रही हैं और इनसे बचने के लिए क्या कारगर उपाय हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, हाल ही में एक सर्वे द्वारा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों पर एक अध्ययन किया गया था। उसमें पाया गया कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले 20 प्रतिशत लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। 14 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं। 6.3 कर्मचारी मोटापे से पीड़ित हैं और 3.2 प्रतिशत लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं हैं। इसके अतिरिक्त, 1.9 प्रतिशत लोगों को किडनी की बीमारी है। सबसे गंभीर बात यह है कि 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी स्ट्रेस का सामना कर रहे हैं, जिससे इन बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है। सर्वे में शामिल 63 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समय निकालने में समस्या होने की स्थिति को स्वीकारा।

मुंबई के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय शर्मा के अनुसार, निजी नौकरियों का बदलता स्वभाव इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार है। आजकल ऑफिस में 9-10 घंटे तक बैठे रहना सामान्य हो गया है। लंबे समय तक एक ही जगह पर काम करने से मोटापा और जोड़ों के दर्द की शिकायत बढ़ रही है। इसके अलावा जंक फूड और अनियमित खानपान की आदतें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ा रही हैं। कई कर्मचारी रात में देर तक काम करते हैं, जिससे नींद की कमी हो जाती है। नींद की कमी से न सिर्फ स्ट्रेस बढ़ता है, बल्कि हार्ट और किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है।

दिल्ली में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर लोग लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं, जिससे आंखों की कमजोरी और गर्दन दर्द की शिकायतें आम हो गई हैं. इसके अलावा काम के दबाव में लोग एक्सरसाइज या योग के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, जिससे दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें. ऑफिस में हर 2 घंटे बाद 5 मिनट उठकर टहलें. अगर सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. हार्ट की सेहत के लिए नियमित जांच जरूरी है.

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