जेन स्ट्रीट ट्रेडिंग केस: रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग ने उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डेटा की मांग की है जिन्हें अब तक जेन स्ट्रीट द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।भारतीय शेयर बाजार से अवैध तरीके से कमाई के आरोपों का सामना कर रही अमेरिकी कंपनी जेन स्ट्रीट आयकर विभाग की पूछताछ में ठीक तरह से सहयोग नहीं कर रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यह रिपोर्ट शुक्रवार को सामने आई है। कंपनी के भारत में चल रहे संचालन और टैक्स मामलों की जांच की जा रही है.]

सूचना के अनुसार, आयकर विभाग ने जिन महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डेटा की मांग की है, उन्हें जेन स्ट्रीट की ओर से अब तक उपलब्ध नहीं किया गया है. कंपनी का सर्वर भारत के बाहर स्थित है, और अधिकारियों का कहना है कि वह उनकी पहुंच से बाहर है.
इसके अलावा, कंपनी की अकाउंट्स बुक भी विदेश में रखी गई है, जबकि कानून के अनुसार, इनका रिकॉर्ड भारत में ही होना चाहिए. सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के कर्मचारी भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
आयकर विभाग ने जेन स्ट्रीट के कार्यालयों और इसके स्थानीय साझेदार नुवामा वेल्थ के दस्तावेज़ों और संचालन की समीक्षा की है भारत में। पहले, बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने जेन स्ट्रीट पर भारतीय शेयर बाजार में डेरिवेटिव्स के ज़रिए हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए अस्थाई रूप से ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी। SEBI ने 4 जुलाई को जारी आदेश में आरोप लगाया था कि कंपनी ने डेरिवेटिव्स का दुरुपयोग कर बाजार को प्रभावित किया।सेबी की जांच में पता चला है कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच भारत में ट्रेडिंग से 4.23 बिलियन डॉलर की कमाई की थी। जेन स्ट्रीट के खिलाफ जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और अधिकारियों का कहना है कि सहयोग की कमी के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।