गंगा और यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। संगम क्षेत्र सहित निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। लोगों से शासन द्वारा जारी एडवाइजरी फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर अब तेजी से बढ़ रहा है, जिससे संगम क्षेत्र सहित निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और संबंधित विभागों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सूचना के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर वर्तमान में 2.5 सेंटीमीटर प्रति घंटे और यमुना नदी का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों में फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 64 सेंटीमीटर और छतनाग में 49 सेंटीमीटर बढ़ गया है, साथ ही नैनी में यमुना का जलस्तर 53 सेंटीमीटर तक उछाल आ चुका है।
मंगलवार सुबह 8 बजे तक आंकड़ों के अनुसार, फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.40 मीटर, छतनाग में 81.88 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 82.53 मीटर पाया गया है। यहाँ तक कि दोनों नदियां अब भी खतरे के निशान 84.734 मीटर से लगभग 2.5 मीटर नीचे हैं, लेकिन जलस्तर के इस तेजी से बढ़ने से प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है।
तेजी से बढ़ते जलस्तर का प्रभाव संगम क्षेत्र में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मंगलवार को तीसरी बार गंगा और यमुना का पानी संगम क्षेत्र में स्थित प्राचीन बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में पहुंच गया, जिसके बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। उसके अतिरिक्त, घाटों पर दुकान लगाने वाले दुकानदार, तीर्थ पुरोहित और घाटियों ने भी सुरक्षित स्थानों की ओर शिफ्ट हो चुके हैं।
प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी है। 24 घंटे सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। जिले में कुल 88 बाढ़ चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.