चीनी का उपयोग हम अपने जीवन में बहुत करते हैं, लेकिन यह जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है। यह बताना महत्वपूर्ण है कि किस उम्र तक के बच्चों को चीनी नहीं देनी चाहिए।
हर माता-पिता की छाह होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ, उताक्रामी और चालाक बने। उनके लिए वे पौष्टिक आहार देने, दूध पिलाने और सम्पूर्ण देखभाल करने में कोई कमी नहीं छोड़ते। क्या आप जानते हैं कि छोटी सी गलती बच्चे के मानसिक विकास को कमजोर कर सकती है? यह गलती है कि छोटे उम्र में ज्यादा चीनी देना। अधिकांश लोग सोचते हैं कि बच्चों को मीठा खिलाना अच्छा है, लेकिन कई लोग दूध पिलाने के लिए उसमें चीनी मिलाते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत दीर्घकाल में बच्चे के मानसिक विकास पर दुष्प्रभाव डाल सकती है। शोध के अनुसार, अधिक चीनी से न केवल मानसिक विकास रुक सकता है, बल्कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो सकता है और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो सकता है। चलिए जानते हैं कि इस विषय पर डॉक्टर और विज्ञान क्या कहते हैं।

बचपन में दिमाग तेजी से बढ़ता है और इस समय अधिक शुगर की खेती से उसकी विकास पर प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2 साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक शुगर खिलाने से उनकी स्मृति, ध्यान और शिक्षाशैली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
डॉक्टर क्या सोचते हैं?
पेडियाट्रिशियन डॉक्टर रवि मलिक का कहना है कि बच्चों को शुरू से ही चीनी देने से उनकी खाने की आदतें खराब हो जाती हैं. अगर बच्चे का स्वाद मीठे का हो गया, तो वह हर चीज में शुगर चाहेगा और नट्स, दालें और हेल्दी चीजों को नजरअंदाज करेगा. इस वजह से उसका न्यूट्रिशन बैलेंस बिगड़ सकता है।
किस खाद्य सामग्री में अधिक मात्रा में चीनी पाई जाती है?
- पैकेज्ड जूस और सॉफ्ट ड्रिंक
- कैंडी, चॉकलेट और बिस्किट
- मीठी ब्रेड और केक
- शुगर वाले सीरियल
कई बार माता-पिता सोचते हैं कि जूस या एनर्जी ड्रिंक हेल्दी है, लेकिन इनमें बहुत ज्यादा शुगर होती है, जो बच्चों के दिमाग को नुकसान पहुंचाती है.
दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- ध्यान कम होना: बच्चा पढ़ाई में फोकस नहीं कर पाता.
- मेमोरी कमजोर होना: ज्यादा शुगर दिमागी कोशिकाओं की कार्यक्षमता घटाती है.
- मूड स्विंग्स: बच्चा चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो सकता है
कितनी शुगर निराश्वस्त है?
WHO के मानने तो, 5 साल से कम उम्र के बच्चों को रोजाना 25 ग्राम से अधिक शुगर नहीं देनी चाहिए. जरा सोच समझकर रखें कि 2 साल तक बच्चों को किसी भी एडेड शुगर का सेवन करने से बचाएं.|
किस तरह से बच्चों को खिलाएं?
घर का बना हेल्दी खाना दें, पैकेज्ड फूड से बचें.अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा जीनियस और हेल्दी बने, तो कम से कम शुरुआती 2 साल तक उसे चीनी से दूर रखें. यह उसके दिमागी विकास और सीखने की क्षमता के लिए जरूरी है. याद रखें मीठा कम, सेहत में दम.