Monday, July 28, 2025
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चुनाव बहिष्कार को लेकर सहयोगी दलों से करेंगे बात: तेजस्वी यादव

पटना । बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में किसी भी सही मतदाता का नाम नहीं काटे जाने के सरकार द्वारा दिए गए भरोसे के बाद भी इसके विरोध को लेकर विपक्ष के तेवर ढीले नहीं पड़े हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वोट की चोरी की पूरी तैयारी है।
‎तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वोटों की चोरी तो हो ही रही है। उन्होंने कहा, “हमलोगों के पास पूरा विकल्प है कि जब बेईमानी ही करना है, चोरी ही करनी है, लोकतंत्र को समाप्त करना है, जनता का अधिकार छीनना है तो हमलोगों का चुनाव बहिष्कार का भी विकल्प खुला है। हमलोग जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं व महागठबंधन के घटक दलों से भी इसे लेकर बात करेंगे।” ‎


उन्होंने चुनाव में हार के डर से भागने की बात पर कहा कि अगर हार से डरते तो क्या इतनी बार चुनाव लड़ते? चुनाव आयोग जब भाजपा का ही पार्ट बन गया, लाखों वोटरों का वोट काट दिया गया और सदन में खुलेआम झूठ बोला गया, तो क्या है? मृत लोगों के नाम काटे जाने को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हमेशा होता है। पुनरीक्षण और गहन पुनरीक्षण को मिला दिया गया। गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ और पुनरीक्षण की अभी फरवरी में लिस्ट आई है। यह तो हर साल की प्रक्रिया है।
एसआईआर में संदेह को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक अगस्त के बाद चुनाव आयोग असली खेल करने वाली है। उन्होंने कहा कि जैसे हम लोगों को पता है कि हमारा कौन सा बूथ मजबूत है और कौन सा कमजोर है, वैसे उन्हें भी पता होगा कि हमारा कौन सा बूथ मजबूत है और कौन सा कमजोर है।
बताया गया कि बिहार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का प्रथम चरण समाप्ति की ओर है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि वोटर लिस्ट से कोई योग्य मतदाता छूटने न पाए और कोई अयोग्य मतदाता जुड़ न जाए। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, एसआईआर में अब तक 98.01 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। 20 लाख मृतक मिले, जबकि 28 लाख स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं के नाम पाए गए, जहां 7 लाख मतदाताओं के वोट एक से ज्यादा जगहों पर पाए गए। वहीं, 1 लाख वोटरों का कोई पता नहीं चल पा रहा है। अभी तक 15 लाख मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं मिले हैं। 7.17 करोड़ मतदाताओं यानी 90.89 प्रतिशत के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं।
एसआईआर के प्रथम चरण में प्राथमिक तौर पर गलत रूप से सम्मिलित सभी मतदाताओं की सूची और अब तक फार्म न भरने वालों की सूची को बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स से 20 जुलाई को साझा किया जा चुका है।

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