नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्रीमंडल की बुधवार को हुए बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में भारत की छठी सेमीकंडक्टर इकाई को मंजूरी दे दी है। भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अब तक 5 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई है और वहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। एक इकाई में इसी साल उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उपक्रम है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पांच सेमीकंडक्टर इकाइयां पहले से ही निर्माण के उन्नत चरणों में हैं। इस छठी इकाई को मंजूरी मिलने के बाद भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ गया है। आज स्वीकृत इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उद्यम है।

विज्ञप्ति नें कहा गया है, एचसीएल का हार्डवेयर विकसित करने और निर्माण करने का लंबा इतिहास रहा है। फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में एक वैश्विक प्रमुख कंपनी है। वे मिलकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में जेवर हवाई अड्डे के पास एक संयंत्र स्थापित करेंगे। यह संयंत्र मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले वाले अन्य उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा। संयंत्र को प्रति माह 20,000 वेफर्स के लिए डिजाइन किया गया है। इस इकाई की उत्पादन क्षमता प्रति माह 36 मिलियन यूनिट है।
नोएडा में बनेगी दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप
इससे पहले मंगलवार को जापानी कंपनी रेनेसास ने भारत में सेमीकंडक्टर चिप बनाने के दो केंद्रों की शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को नोएडा और बंगलूरू में जापानी कंपनी रेनेसास के नए सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों का उद्घाटन किया था। सबसे अहम बात यह है कि, यह कंपनी भारत में दुनिया की सबसे छोटी 3 नैनोमीटर की चिप बनाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा था, उत्तर प्रदेश में इस प्रमुख सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर का उद्घाटन एक अखिल भारतीय इकोसिस्टम विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो देश भर में उपलब्ध समृद्ध प्रतिभा का उपयोग करता है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों के विकास को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।