
बीकानेर। मदान मार्केट में हुए सिलेंडर ब्लास्ट ने पूरे शहर को झकझोर दिया। इस धमाके ने दो फ्लोर वाले बेसमेंट को पूरी तरह मलबे में तब्दील कर दिया। गुरुवार को मलबे से 5 और शव निकाले गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है। मौके पर गुरुवार सुबह भी प्रशासनिक अमला और रेस्क्यू टीमें जुटी रहीं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अंदर और कितने लोग फंसे हैं।
उधर, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स हैंडल पर लिखा-्र बीकानेर में गैस सिलेंडर फटने से 9 लोगों की दुखद मौत की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इस कठिन समय में ईश्वर उन्हें यह असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।
धमाके से कांप उठा बीकानेर
जिसने भी धमाके की आवाज़ सुनी, वह सिहर उठा। एक दुकानदार ने बताया, “धमाका इतना जबरदस्त था कि एक पल को लगा जैसे एयर स्ट्राइक हो गई हो।” मार्केट के पास रहने वालों को तो शुरुआत में समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या है। देखते ही देखते पूरा बेसमेंट और उसकी दो मंज़िलें ज़मींदोज़ हो गईं। सड़कों पर धुआं, चीख-पुकार और धूल का गुबार छा गया।
रेस्क्यू में दिक्कतें, मलबे में दबे शव
बेसमेंट में हुए धमाके ने रेस्क्यू ऑपरेशन को और भी मुश्किल बना दिया है। एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन हर कदम पर मलबा और अस्थिर ढांचे आड़े आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अंदर फंसे लोगों की संख्या को लेकर अब भी स्पष्टता नहीं है। मलबा हटाते वक्त शव मिलने की आशंका लगातार बनी हुई है।
ज्वेलरी मार्केट में अवैध सिलेंडरों का जाल
यह मार्केट बीकानेर की ज्वेलरी मेकिंग का केंद्र था। यहां करीब 25 दुकानें थीं, जिनमें हर रोज हजारों की संख्या में सोने के गहनों का काम होता था। जानकारी के अनुसार, दुकानदार यहां घरेलू उपयोग के अवैध गैस सिलेंडरों से काम करते थे, जो कि सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन है। प्रशासन ने अब जांच के आदेश दे दिए हैं कि इतने बड़े स्तर पर गैस सिलेंडर कैसे इस्तेमाल हो रहे थे।
लाखों का सोना मलबे में दफ़्न
धमाके ने सिर्फ ज़िंदगियाँ ही नहीं छीनीं, बल्कि व्यापारियों की वर्षों की मेहनत भी चंद सेकेंड में राख कर दी। दुकानदार विकास सोनी ने बताया, “मेरी दुकान में करीब 160 ग्राम सोना था, सब मलबे में दब गया। अगर मैं 10 मिनट पहले पहुंचता, तो शायद मैं भी नहीं बचता।”
उन्होंने आगे बताया कि हर दुकान में औसतन 100 ग्राम से ज़्यादा सोना रहता था। ऐसे में मलबे के नीचे लाखों रुपए की संपत्ति दबी हुई है, जिसकी सुरक्षा और रिकवरी भी अब प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है।