नई दिल्ली –
सरकार और सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। इस दौरान बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच चलाया गया। इस दौरान आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर मिसाइल हमले किए और नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। भारत की स्ट्राइक की जद में पीओके में पांच और पाकिस्तान में चार आतंकी ठिकाने आए।]

कर्नल सोफिया कुरैशी ने ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए पीओके के आतंकी शिविरों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, ‘मुजफ्फराबाद में शवाई नाला कैंप लश्कर-ए-तैयबा का कैंप है। 20 अक्तूबर, 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्तूबर, 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को यहीं प्रशिक्षित किया गया था।’ उन्होंने मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप पर स्ट्राइक की भी जानकारी दी, यह जैश-ए-मोहम्मद का कैंप है, जो हथियार, विस्फोटक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करता है। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर कोटली में गुलपुर कैंप को भी टारगेट किया गया। यह 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ हमले और 9 जून, 2024 को तीर्थयात्रा बस हमले से जुड़े लश्कर आतंकियों का ठिकाना था। इसके अलावा भिमबेर में बरनाला कैंप को भी ध्वस्त किया गया, यह हथियारों और आईईडी की सप्लाई का केंद्र और ट्रेनिंग सेंटर था। ऐसे ही एलओसी से 13 किमी दूर एक अन्य कोटली कैंप में 15 आतंकवादियों की क्षमता वाले लश्कर के फिदायीन को प्रशिक्षित किया जाता था। इसे भी ध्वस्त किया गया।