
नई दिल्ली – भारत ने आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की वस्तुओं के सीधे या परोक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दो मई को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है। इस रोक के बाद अब पाकिस्तान से आने वाले किसी भी उत्पाद चाहे वह सीधे आयात हो या किसी तीसरे देश के जरिए परोक्ष रूप से हो इन सभी आयातों पर पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से लगाए गए यह प्रतिबंध विदेश व्यापार नीति 2023 में नए प्रावधान के रूप में जोड़ा गया है, जिसको लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने साफ किया है कि अगर किसी मामले में आयात की अनुमति दी जाती है, तो उसके लिए भारत सरकार की विशेष मंजूरी जरूरी होगी।
2024-25 में अप्रैल से जनवरी के बीच भारत ने पाकिस्तान से केवल 0.42 मिलियन डॉलर का आयात किया था। इसमें तांबा और तांबे के सामान, खाद्य फल और सूखे मेवे , कपास, नमक, सल्फर और मिट्टी और पत्थर, जैविक रसायन, खनिज ईंधन, प्लास्टिक उत्पाद, ऊन, कांच के बने पदार्थ, कच्ची खाल और चमड़ा आदि शामिल है।
वहीं बात अगर भारत किए गए निर्यात की करें तो इसी अवधि में भारत ने पाकिस्तान में 447.65 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, जिसमें फार्मा उत्पाद (129.55 मिलियन डॉलर), जैविक रसायन (110.06 मिलियन डॉलर), चीनी, चाय, कॉफी, सब्जियां, पेट्रोलियम, उर्वरक, प्लास्टिक, रबर, ऑटो पार्ट्स आदि शामिल है।
आर्थिक शिकंजा कसने के लिए भारत की रणनीति
पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव को देख भारत सरकार ने इसस पहले पाकिस्तान पर आर्थिक शिकंजा कसने की भी तैयारी कर ली। इस रणनीति के तहत भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए गए ऋणों की समीक्षा करने को कहा है। साथ ही उसने पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में शामिल कराने की कोशिश भी शुरू कर दी है। एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल होने और आईएमएफ के ऋण मंजूरी नहीं देने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगेगा।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी।
तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।