टोरंटो – कनाडा में हुए आम चुनाव में पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी की जीत हुई है। कनाडाई संसद में लिबरल पार्टी ने 343 सीटों में से कंजरवेटिव्स से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। चुनाव में जीत के बाद पीएम मार्क कार्नी ने विजय भाषण में कनाडाई लोगों को चेताया। कार्नी ने कहा कि ट्रंप हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हमें सचेत रहने की जरूरत है। ओटावा में विजयी भाषण के दौरान पीएम मार्क कार्नी ने अमेरिका की धमकियों के जवाब में कनाडा की एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से कनाडा और अमेरिका ने जिस पारस्परिक रूप से लाभकारी प्रणाली को साझा किया था, वह अब खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी विश्वासघात के सदमे से उबर चुके हैं, लेकिन हमें उससे मिले सबक कभी नहीं भूलना चाहिए। जैसा कि मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं, अमेरिका हमारी जमीन, हमारे संसाधन, हमारा पानी, हमारा देश चाहता है। ये बेकार की धमकियां नहीं हैं। राष्ट्रपति ट्रंप हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका हम पर कब्जा कर सके। ऐसा कभी नहीं होगा, कभी नहीं होगा। लेकिन हमें इस वास्तविकता को भी पहचानना होगा कि हमारी दुनिया मौलिक रूप से बदल गई है।

ट्रंप के हमले के चलते चौथी बार पाई सत्ता
इससे पहले जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा की अर्थव्यवस्था पर हमला करना शुरू किया था तो लिबरल्स हार रहे थे। ट्रंप के कार्यों ने कनाडाई लोगों को क्रोधित कर दिया और राष्ट्रवाद में उछाल ला दिया। इसके बाद लिबरल्स की चुनावी कहानी को पलट गई और पार्टी लगातार चौथी बार सत्ता पर कब्जा करने में कामयाब रही।
कंजर्वेटिवों की करारी हार
आम चुनाव में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी की करारी हार हुई है। पार्टी के नेता पियरे पॉइलिवर ने कनाडा के लोगों के लिए लड़ते रहने की शपथ ली। पॉइलिवर ने कहा कि हम इस तथ्य से अवगत हैं कि हम अभी भी अंतिम रेखा को पार नहीं कर पाए हैं। हम जानते हैं कि बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन बदलाव लाना कठिन है। इसमें समय लगता है। इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसीलिए हमें आज रात के सबक सीखने होंगे। ताकि अगली बार जब कनाडाई देश का भविष्य तय करें तो हम और भी बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।
चुनाव के दौरान पॉइलिवर को उम्मीद थी कि यह चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए एक जनमत संग्रह होगा। ट्रूडो की लोकप्रियता उनके एक दशक के कार्यकाल के अंत में खाद्यान्न और आवास की कीमतों में वृद्धि के कारण घट गई थी। ट्रंप ने हमला किया, ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया और दो बार केंद्रीय बैंकर रहे कार्नी लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री बन गए।
कार्नी और लिबरल पार्टी के आगे तमाम चुनौतियां
पीएम मार्क कार्नी और लिबरल्स ने चुनाव तो जीत लिया है, लेकिन उनके सामने कठिन चुनौतियां हैं। अगर वे संसद में बहुमत हासिल नहीं कर पाते हैं, तो लिबरल्स को सत्ता में बने रहने और कानून पारित करने के लिए छोटी पार्टियों में से किसी एक पर निर्भर रहना पड़ सकता है। फ्रेंच भाषी क्यूबेक की एक अलगाववादी पार्टी ब्लॉक क्यूबेकॉइस जो तीसरे स्थान पर है, और कनाडा से स्वतंत्रता चाहती है।
ट्रूडो की लिबरल पार्टी चार साल तक सत्ता में बने रहने के लिए न्यू डेमोक्रेट्स पर निर्भर थी, लेकिन इस बाद इसका प्रदर्शन खराब रहा। इसके नेता जगमीत सिंह ने कहा कि वह आठ साल तक सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ रहे हैं। मैकगिल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा कि यह एक नाटकीय वापसी है, लेकिन यदि लिबरल्स बहुमत सीटें नहीं जीत पाते हैं, तो नई अल्पसंख्यक संसद में राजनीतिक अनिश्चितता उनके लिए चीजों को कठिन बना सकती है।