गुवाहाटी। पहलगाम के हमले को लेकर देश में सियासी भूचाल की स्थिति बनी हुई है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सियासत के इस बवंडर की चपेट में असम के धिंग से विधायक हाजी अमीनुल इस्लाम आ गए हैं। 23 अप्रैल को दिए गए उनके बयान ने न केवल राज्य में सियासी हलचल मचा दी, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई के लिए भी मजबूर कर दिया। इस बयान के बाद असम पुलिस ने एमएलए हाजी अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया है।
पुलवामा हमले की तरह ही, अमीनुल इस्लाम ने पहलगाम कांड को भी “सरकारी साजिश” करार देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की राजनीति करती है। नगांव में प्रचार के दौरान उनके 2 मिनट 45 सेकंड के बयान में उन्होंने कहा- “अगर केंद्र सरकार पहलगाम मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराती तो हम मानेंगे कि ये मोदी-शाह की साजिश थी।”
इस बयान के बाद 24 अप्रैल को असम पुलिस ने उन पर राजद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
CM हिमंता बिस्वा सरमा ने सख्त लहजे में कहा : “देश की एकता पर सवाल उठाने वाले ऐसे गद्दारों को बख्शा नहीं जाएगा।” BJP ने इस बयान को “राष्ट्रविरोधी” करार देते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की, जबकि अमीनुल की पार्टी AIUDF ने खुद को बयान से अलग कर लिया। पार्टी ने कहा कि यह अमीनुल के निजी विचार हैं, पार्टी की नहीं।
16 गिरफ्तारियां और बढ़ती सख्ती : अमीनुल इस्लाम अकेले नहीं हैं जिन्हें इस मामले में अरेस्ट किया गया। पहलगाम हमले के बाद असम में अब तक 16 लोगों को “उकसावे और देशद्रोही बयान” देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर ‘भड़काऊ पोस्ट’ और विडियो बयानों के आधार पर ये गिरफ्तारियां हुई हैं।
हाजी अमीनुल इस्लाम असम की राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। दो बार विधायक रह चुके हैं और AIUDF के पुराने नेताओं में गिने जाते हैं। वे हमेशा ही मुखर और विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं।