
नई दिल्ली । भारतीय फार्मा कंपनियां वर्तमान में 145 अरब डॉलर वैल्यू के अमेरिकी ऑन्कोलॉजी जेनेरिक्स बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। यह बाजार सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। यह जानकारी नई रिपोर्ट में दी गई। हाल के महीनों में कई भारतीय दवा कंपनियों ने कैंसर दवाओं के जेनेरिक वर्जन के लिए यूएस फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से एप्रूवल प्राप्त किया है, जिससे अमेरिकी बाजार में कॉम्पलेक्स जेनेरिक और बायोसिमिलर दवाओं की एंट्री में लगातार वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ऑन्कोलॉजी वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंटों में से एक है और भारतीय कंपनियां किफायती मैन्युफैक्चरिंग, तकनीकी विशेषज्ञता और बढ़ती नियामक मंजूरी के जरिए इस उच्च-मूल्य वाले क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी कर रही हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह पारंपरिक जेनेरिक दवाओं से अधिक कॉम्पलेक्स फॉर्मूलेशन की ओर बदलाव और भारतीय फार्मा कंपनियों की विकसित होती क्षमताओं को दिखाता है।