चंडीगढ़। सरकार पूरी तरह से कमर कस चुकी है और अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने वालों पर शिकंजा कसने जा रही है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि अब ‘फर्जी गरीबों’ के दिन लद गए हैं। जिन लोगों ने गलत जानकारी देकर बीपीएल कार्ड बनवाए हैं, उन्हें या तो खुद ही अपना कार्ड रद्द करवाना होगा या फिर मुकदमे के लिए तैयार रहना होगा। फर्जी कार्डों के कारण सरकार पर बोझ बढ़ रहा है।
राज्य सरकार हर महीने कई करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय जिम्मेदारी उठा रही है। राशन डिपो की ओर से हर महीने लाखों परिवारों को मुफ्त तेल, चीनी और अनाज दिया जाता है। हालांकि, इनमें से कई हजार लाभार्थी ऐसे हैं, जो इस सेवा के असली लाभार्थी नहीं हैं।
हर महीने 241 करोड़ खर्च करने का मतलब है 241304 रु. का मतलब है कि .बीपीएल और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत हरियाणा में कुल 51.72 लाख राशन कार्ड धारक हैं। इन कार्यक्रमों के तहत सरकार को हर महीने अनाज वितरण पर करीब 119 करोड़ रुपये, चीनी पर 13 करोड़ रुपये और सरसों के तेल पर 109 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। कुल मिलाकर यह मासिक खर्च 241 करोड़ रुपये है।