Monday, March 10, 2025
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युद्ध नशे के विरुद्ध: नशे के कारोबार में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या रुतबे वाला हो – हरपाल सिंह चीमा

1 मार्च से 5 मार्च तक 530 एफआईआर दर्ज, 697 व्यक्तियों को किया गया गिरफ्तार

42 किलो हेरोइन, 15 किलो अफीम और 41,027 मेडिकल नशे सहित बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ किए गए जब्त

चंडीगढ़, 6 मार्च युद्ध नशे के विरुद्ध कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां घोषणा की कि राज्य से नशे के पूर्ण उन्मूलन के लिए निर्णायक लड़ाई तेज़ी पकड़ रही है, जिसके तहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने नशे की तस्करी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस अवैध धंधे में शामिल या अपराधियों को बचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या रुतबे वाला हो।

राज्य भर में युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान को बढ़ावा देने के लिए रूपनगर, एस.बी.एस. नगर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जिलों के दो दिवसीय दौरे के बाद यहां प्रेस बयान जारी करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने खुलासा किया कि युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान के तहत 1 मार्च से 5 मार्च तक 530 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 697 व्यक्तियों को गिरफ्तार करते हुए 42 किलो हेरोइन, 15 किलो अफीम और 41,027 मेडिकल नशे सहित बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में घेराबंदी और हॉटस्पॉट्स की तलाशी, मोबाइल फोन के लिए जेलों की जांच, केमिस्ट की दुकानों की जांच, जाने-पहचाने तस्करों, नशा तस्करों और कोरियरों पर छापेमारी करने के अलावा अभियान में आम लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल और कॉलेजों में छात्रों के साथ बैठकें और नशा विरोधी अभियान के तहत ‘संपर्क’ बैठकों सहित विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के दौरान ड्रग इंस्पेक्टरों की अहम भूमिका पर जोर देते हुए सिविल और पुलिस प्रशासन को प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के खिलाफ अपने प्रयास तेज़ करने के निर्देश दिए गए हैं।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान एनडीपीएस मामलों में सजा की दर 58 प्रतिशत थी, लेकिन ‘आप’ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के दौरान पिछले तीन वर्षों में यह 100 प्रतिशत तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने विशेष रूप से एसबीएस नगर की प्रभावशाली 99 प्रतिशत और रूपनगर की 95 प्रतिशत सजा दर का भी उल्लेख किया।

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों पर तीखे हमले करते हुए कहा कि सिंथेटिक ड्रग ‘चिट्टा’ 2007 से 2017 तक अकाली-भाजपा सरकार के सत्ता संभालने से पहले अनसुना था। उन्होंने कहा कि श्री तलवंडी साबो में शपथ लेने के बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी राज्य में नशों की समस्या को खत्म करने में असफल रहे।

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