नई दिल्ली में G-20 समिट की शुरुआत हो चुकी है… पीएम मोदी ने भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया… PM ने अपने उद्घाटन भाषण में मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी… उन्होंने कहा दुख की घड़ी में हम मोरक्को के साथ हैं और लोगों की हरसंभव मदद करेंगे… समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने अफ्रीकन यूनियन को G-20 का परमानेंट मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा… बतौर अध्यक्ष PM ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी ने PM मोदी को गले लगा लिया… अफ्रीकन यूनियन को G-20 में शामिल करने के लिए चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी भारत का समर्थन किया… इस मौके पर PM ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व में विश्वास का संकट पैदा हो गया है… यूक्रेन युद्ध ने इस संकट को और गहरा कर दिया है… जब हम कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं… ये सभी के साथ मिलकर चलने का समय है…
जहां एक तरफ देश में G20 को लेकर उत्सव जैसा माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ रात्रिभोज में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता न मिलने पर कांग्रेस नाराज है… पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिंदबरम ने इसे लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है… उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैं कल्पना नहीं कर सकता कि किसी अन्य लोकतांत्रिक देश की सरकार विश्व नेताओं के लिए राजकीय रात्रिभोज में विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता को आमंत्रित नहीं करेगी… ऐसा केवल उन्हीं देशों में हो सकता है जहां न तो लोकतंत्र है और न ही विपक्ष… मुझे उम्मीद है कि इंडिया, यानी भारत उस स्थिति में नहीं पहुंचा है जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो जाएगा…
इसके साथ ही यूरोप दौरे पर गए राहुल गांधी ने भी नाराजगी जताई है… उन्होंने कहा कि इसमें विपरीत बात क्या हो सकती है? सरकार ने विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है… ये आपको कुछ बताता है… यह आपको बताता है कि वे भारत की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता को महत्व नहीं दिया जाता है… ये कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए…
दरअसल, जी-20 शिखर सम्मेलन में आए दुनियाभर के राष्ट्र अध्यक्षों के लिए राष्ट्रपति भवन में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया गया है… इसमें सभी केंद्रीय मंत्रियों और सभी मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया है… भारत सरकार के सभी सचिव और अन्य विशिष्ट अतिथि भी सूची में हैं, लेकिन इसमें विपक्ष के नेता को नहीं बुलाया गया है… मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ-साथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं… ऐसे में उन्हें न बुलाने से विवाद खड़ा हो गया है…