Thursday, July 31, 2025
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Budget 2024 Expectations: स्पेस सेक्टर को बजट में PLI और GST छूट की उम्मीद, देश के डिफेंस में भी निभाते हैं अहम रोल

Defence Budget Expectations: इस बार के बजट में सरकार से कृषि, आपदा प्रबंधन, सुरक्षा आदि जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीकी समाधान खरीदने और अपनाने की भी मांग की गई है.
Defence Budget: भारतीय अंतरिक्ष संघ ने आने वाले बजट में अंतरिक्ष अभियानों में काम आने वाले कंपोनेंट्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट, कर अवकाश, रियायती सीमा शुल्क और बाहरी वाणिज्यिक उधार पर कम कर दर की उम्मीद जताई है. यह संघ भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की निजी कंपनियों की लॉबी है. उसके अनुसार, उपग्रहों, रॉकेटों और जमीनी उपकरण विनिर्माण के साथ-साथ प्रमुख इनपुट की खरीद पर भी जीएसटी में छूट दी जानी चाहिए. चूंकि अंतरिक्ष क्षेत्र पूंजी प्रधान है, इसलिए बाह्य वाणिज्यिक उधार पर टैक्स की दर को कम करके पांच फीसदी किया जाना चाहिए.

संघ ने केंद्र सरकार से अंतरिक्ष क्षेत्र की फर्मों के लिए टैक्स हॉलिडे और टैक्स छूट, नोटिफाइड इंपोर्ट के लिए सीमा शुल्क में रियायत और कम लाभ मार्जिन को देखते हुए सैटेलाइट सेक्टर के लिए विदहोल्डिंग टैक्स को 10 फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने की मांग की है. सरकार से कृषि, आपदा प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीकी समाधान खरीदने और अपनाने की भी मांग की गई है.

संघ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और संबंधित पहलुओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति पर स्पष्टता की तत्काल आवश्यकता है. उसने नए दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत गैर-नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित उपग्रह सेवाओं के लिए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के फीसदी के रूप में उचित एसयूसी (स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क) ढांचा तैयार करने, टैक्स इफेक्ट को अनुकूलित करने के लिए सैटेलाइट ऑपरेटरों को एकमुश्त शुल्क और लाइसेंस शुल्क पर 25 फीसदी डेप्रिसिएशन की अनुमति की भी मांग की है.

दूरदराज के क्षेत्रों में सुविधाओं के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के साथ बुनियादी ढांचे के निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी, मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे की उन्नति शुरू करने और भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग में
डाउनस्ट्रीम अंतरिक्ष पेशकश में वृद्धि का प्रस्ताव है.

संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए के भट्ट ने कहा कि “हम सरकार के हालिया सुधारों और प्रशासनिक दृष्टिकोण के माध्यम से उपग्रह स्पेक्ट्रम आवंटित करने की अभूतपूर्व पहल का स्वागत करते हैं.”

इन पहलों में निस्संदेह भारत में उभरते निजी अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा देने की क्षमता है. अब, इस आशाजनक उद्योग को आगे बढ़ाने और इनोवेशेन को आगे बढ़ाने के लिए, सरकार के लिए एक व्यापक नियामक ढांचा विकसित करना और मौजूदा राजकोषीय और कराधान चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण है.

हम सरकार से निजी अंतरिक्ष उद्यमों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सिफारिशों पर विचार करने का आग्रह करते हैं. सरकार द्वारा प्रदान की गई गति और इसकी दूरदर्शी नीति का लाभ उठाते हुए ये उद्यम राष्ट्र को महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ पहुंचा सकते हैं.

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