चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके वाहनों की जांच पारदर्शी तरीके से की जा रही है.
केंद्रीय चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक विपक्ष के नेता जो लगातार आरोप लगा रहे हैं कि केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम की ओर से सिर्फ विपक्ष के वाहनों की चेकिंग की जा रही है वह पूरी तरह निराधार है. चुनाव आयोग में जवाब देते हुए कहा है कि पहले भी सत्ता पक्ष से जुड़े हुए नेताओं की भी जांच होती रही है और यह कोई नई बात नहीं है.
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग की टीम आचार संहिता लगने के बाद लगातार इस तरीके की कार्रवाई करती रहती है. चुनाव आयोग की टीम जो जांच करती है वह सत्ता पक्ष या विपक्ष नहीं देखती बल्कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रदेश में आने जाने वाली गाड़ियों और लोगों की भी जांच करती है.
मौजूदा चुनाव में भी हो रही है कार्रवाई
चुनाव आयोग कि इस जांच का मकसद पारदर्शी तरीके से चुनाव को संपन्न करवाने का होता है. जिससे कि चुनाव में किसी भी तरह के धनबल या किसी और तरीके से चुनाव को प्रभावित करने वाले किसी साधन का इस्तेमाल न किया जा सके. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक मौजूदा चुनाव में भी इस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है.उदाहरण के तौर पर 2024 की लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के हेलीकॉप्टर की भी चुनाव आयोग की टीम की ओर से जांच की गई थी.
विपक्ष के आरोपों के बाद बढ़ा विवाद
यह विवाद इस वजह से खड़ा हुआ क्योंकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक वीडियो जारी कर ये आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग के इशारे पर विपक्ष के नेताओं की जांच की जा रही है जबकि सत्ता पक्ष की नेताओं की जांच नहीं हो रही. इसके बाद देवेंद्र फडणवीस से लेकर अजीत पवार तक सत्ता पक्ष से जुड़े कई नेता सामने आए और जानकारी दी कि चुनाव आयोग के अधिकारियों के द्वारा उनके सामान की भी जांच हुई है और विपक्ष के नेता बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं.