Wednesday, November 13, 2024
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MSME को बड़ी सौगात जल्द, 100 करोड़ रुपये की लोन गारंटी योजना पर फैसला करेगी कैबिनेट-वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बैंकों से कार्यशील पूंजी तो मिल जाती है, लेकिन उन्हें सावधि अवधि के लिए, संयंत्र और मशीनरी के लिए ऋण नहीं मिलता. अब इस योजना के तहत गारंटी दी जाएगी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए इस साल बजट में घोषित 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा. एमएसएमई के लिए बजट में की गई पांच घोषणाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “एमएसएमई की मदद के लिए विशेष ऋण गारंटी कोष की शुरूआत संकट के समय में बहुत मददगार होगी.”

MSME क्लस्टर संपर्क कार्यक्रम में लोन गारंटी योजना पर वित्त मंत्री ने कही बड़ी बात
केंद्रीय वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय MSME क्लस्टर संपर्क कार्यक्रम में कहा कि 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना जल्द ही मंत्रिमंडल के सामने रखी जाएगी. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद एमएसएमई मंत्रालय और बैंकों के माध्यम से गारंटी प्रदान करने वाली योजना को लागू किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने MSME के लिए कार्यशील पूंजी के बारे में कहा
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत लंबे समय से यह शिकायत रही है कि एमएसएमई को बैंकों से कार्यशील पूंजी तो मिल जाती है, लेकिन उन्हें सावधि अवधि के लिए, संयंत्र और मशीनरी के लिए ऋण नहीं मिलता. अब इस योजना के तहत गारंटी दी जाएगी.’’ निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष की गारंटी की कोई जरूरत नहीं है, ‘‘सरकार आपको 100 करोड़ रुपये की गारंटी शक्ति देती है, फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एक नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल विकसित करेंगे.’’ एमएसएमई क्षेत्र में योगदान के लिए कर्नाटक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 35 लाख एमएसएमई हैं और वे 1.65 करोड़ रोजगार प्रदान करते हैं.

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि सिडबी छोटे कारोबारियों को समझता है. यह एमएसएमई की लोन जरूरतों को पूरा कर सकता है. यही कारण है कि एमएसएमई क्लस्टर में सिडबी की उपस्थिति एमएसएमई के लिए बहुत लाभकारी होगी.’’

वित्त मंत्री दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
इससे पहले, सीतारमण ने दक्षिणी क्षेत्र के 10 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के अलावा पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना को शामिल किया गया. बैठक के दौरान, उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपने प्रायोजक बैंकों के सहयोग से मुद्रा, पीएम विश्वकर्मा जैसी भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत ऋण वितरण बढ़ाने का आग्रह किया.

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