दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस नियमों को तोड़ने वालों पर सख्त दिख रही है. पुलिस खुद जुर्माना लेकर चालान का निपटारा करने के बजाय आरोपी को कोर्ट जाने के लिए कह रही है.
दिल्ली में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए बड़ी खबर है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को अब कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. ट्रैफिक पुलिस ने अपनी नीति में बदलाव किया है, जिसके तहत ऑन स्पॉट चालान काटने के बजाय उन्हें कोर्ट में भेजा जा रहा है, ताकि कड़ी कार्रवाई की जा सके. यह बदलाव ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने और सड़क सुरक्षा में सुधार करने के लिए किया गया है.
जुर्माना लेने के बजाय भेजा जा रहा कोर्ट
ट्रैफिक पुलिस की नई नीति के तहत, कंपाउंडिंग ऑफेंस के मामलों में भी अब ट्रैफिक पुलिस बेहद सख्ती से काम ले रही है और और खुद जुर्माना लेकर चालान का निपटारा करने के बजाय आरोपी को कोर्ट जाने के लिए कह रही है. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ एक से अधिक चालान पेंडिंग हैं, तो अब ई-चालान मशीनों के जरिए मौके पर ही इसका पता चल जाता है.
इससे मल्टीपल ऑफेंडर की पहचान आसानी से हो जाती है और उन्हें सिर्फ जुर्माना लेकर छोड़ने के बजाय कोर्ट में भेजा जा रहा है. ताकि कोर्ट उन पर उचित जुर्माना लगा सके या उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का निर्णय ले सके.
पिछले साल महज 22 हजार चालानों का ऑन-स्पॉट निपटारा
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 17,26,510 ऑन स्पॉट चालान काटे गए, जिनमें से 17,04,372 चालान कोर्ट में भेजे गए. इसके अलावा, 55,79,415 नोटिस जेनरेट किए गए, जिनमें से 39,50,506 नोटिस कोर्ट में भेजे गए. बात करें चालान के रकम की तो, केवल 22,138 चालानों के मामले में कुल 1,26,04,000 रुपये का जुर्माना लेकर चालान का ऑन-स्पॉट निपटारा कर दिया गया.
इससे पहले 2022 में 46,596 चालानों का ऑन-स्पॉट निपटारा किया गया था. जबकि, 1,41,447 नोटिसों चालानों का ट्रैफिक पुलिस ने खुद से निपटारा करके 15,77,11,100 रुपये का जुर्माना वसूला. इससे पहले 2022 में 2,63,251 नोटिसों का ट्रैफिक पुलिस ने खुद निपटारा किया था और कुल 32,95,59,700 रुपये का जुर्माना वसूला था.
किन कैमरों से मिल रही ट्रैफिक पुलिस को मदद?
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले 10 सालों में ऑन स्पॉट चालान का यह सबसे कम कंपाउंडिंग अमाउंट है, क्योंकि ज्यादातर चालान कोर्ट में भेज दिए गए. अधिकारी ने कहा, ”दिल्ली में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए ट्रैफिक पुलिस तकनीक के इस्तेमाल पर अब खासा जोर दे रही है. 2019 से लेकर अब तक 43 जंक्शन पर 209 रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरे और 66 सड़कों पर 125 ओवर स्पीडिंग डिटेक्शन कैमरे लगाए जा चुके हैं.”
इन कैमरों के जरिए हर साल 50 लाख से अधिक लोगों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जा रहा है और उन्हें नोटिस चालान भेजे जा रहे हैं.
सड़क सुरक्षा में सुधार
इस बदलाव के पीछे का मकसद सड़क सुरक्षा में सुधार करना और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना है. ट्रैफिक पुलिस की यह नई नीति न केवल चालान काटने पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि उन्हें कोर्ट में भेजकर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करती है. यह बदलाव दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.