Varanasi News: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री की योजनाएं जन-जन तक पहुंची हैं. योजनाओं की मदद से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है.
UP News: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक 15 अक्टूबर को वाराणसी दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने भाजपा के क्षेत्रीय पदाधिकारी, विभागीय अधिकारियों की बैठक के साथ-साथ अलग-अलग कार्यक्रम में शिरकत की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बंपर जीत का भी दावा किया.
इसके साथ ही समाजवादी पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा. ब्रजेश पाठक ने कहा कि साल 2017 के बाद से ही उत्तर प्रदेश में शानदार काम हुआ है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री की योजनाएं जन-जन तक पहुंची हैं. योजनाओं की मदद से उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है और उन्हीं काम के आधार पर जनता भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करेगी. हमारी पार्टी सभी सीट पर प्रचंड जीत हासिल करेगी .
समाजवादी पार्टी के DNA में ही दंगा फसाद- ब्रजेश पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एबीपी न्यूज के सवाल पर कहा कि खानपान की शुद्धता और गुणवत्ता हमारे सरकार की प्राथमिकता रही है. हम लोगों को क्वालिटी युक्त खाना उपलब्ध कराने के लिए ही ऐसे निर्णय ले रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से खबरें आ रही थी कि खाना को दूषित करने का काम किया जा रहा है. तमाम वीडियो आने के बाद हमने कानून लाने का फैसला किया है. विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वह दिगभ्रमित है. इसके अलावा बहराइच की घटना पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज वहां पर स्थिति नियंत्रण में है. जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. डिप्टी सीएम ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में ही दंगा फसाद है.
झारखंड और महाराष्ट्र में भी प्रचंड जीत हासिल करेंगे- ब्रजेश पाठक
महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा और उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने वाराणसी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हरियाणा की तरह ही हम झारखंड और महाराष्ट्र में भी प्रचंड जीत हासिल करेंगे. उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी सभी 9 सीटों पर जीत हासिल करेगी. हरियाणा और अन्य चुनाव में विपक्ष ने बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया लेकिन उसमें वह लोग सफल नहीं हुए. वहीं मिल्कीपुर सीट पर चुनाव तारीख घोषित न होने को लेकर कहा कि – न्यायालय में वाद चल रहा है, और यह निर्णय निर्वाचन आयोग का है. इसलिए संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाना अच्छी बात नहीं है.