Lawrence Bishnoi Extortion Network: लॉरेंस बिश्नोई जेल के भीतर रहकर वसूली का गोरखधंधा चला रहा है. वह जेल की मजबूत दीवारों के पीछे दुश्मनों से सुरक्षित रहकर गैंग धड़ल्ले से ऑपरेट करता है.
Lawrence Bishnoi Extortion Network: मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई फिर सुर्खियों में आ गया है. लॉरेंस बिश्नोई जिस तरह जेल में बैठे-बैठे हत्याओं की साजिश रचत है, वैसे ही वहीं से गैंग भी चलाता है. वह वहां से गैंग के लिए गोली-बंदूक और अन्य हथियार जुटाने, वांटेड गैंग मेंबर को पैसे देने के अलावा प्रो खलिस्तानी एलिमेंट्स को फंडिंग तक करता है.
एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई जेल में बैठकर ही धमकी भरे कॉल करता है. वह वहीं से वसूली की रकम मांगता है और रुपए देने में आनाकानी करने पर डराने के लिए गैंग के लोगों को भेज देता है. ये कहना गलत नहीं होगा कि लॉरेंस बिश्नोई जेल की मजबूत दीवारों के पीछे दुश्मनों से सुरक्षित रहकर भी गैंग धड़ल्ले से चला रहा है.
जोधपुर के जैन ट्रैवेल एजेंट से 20 लाख की वसूली
साल 2017 में जब लॉरेंस बिश्नोई फरीदकोट जेल में कैद था तब उसने शास्त्री नगर के ट्रैवल एजेंट को कॉल कर 50 लाख रुपये की मांग की थी. पैसे देने के बजाय उसने टालना शुरू कर दिया जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई ने जग्गा, शुभम मंत्री, विक्रम विकी, हीरा जाट, विष्णु बिश्नोई, और नरेश को उस ट्रैवेल एजेंट के घर फायरिंग करने भेजा जिसके बाद उनलोगों ने उसके घर पर गोलियां चलाईं और फिर एक महीने के बाद उसने 20 लाख रुपए संपत नेहरा को दिए.
वारदात को अंजाम देते समय भी लोरेंस बिश्नोई फरीदकोट जेल में था उस समय उसने डॉक्टर से 50 लाख की वसूली को मांग की लेकिन उसने पैसे देने से इनकार कर दिया. बाद में लॉरेंस बिश्नोई ने शूटर शुभम मंत्री, विक्रम विकी, वाशियन दुरकोट, हीरा जाट, विष्णु बिश्नोई, नरेश को उसके घर पर गोलियां चलाकर डराने को कहा. शूटर्स ने 32 बोर की बंदूक से डॉक्टर के घर पर गोलियां बरसाईं, जिसके एक महीने बाद डॉक्टर ने10 लाख रुपए नेहरा को दिए थे.
टेक्सटाइल ओनर से 10 लाख की वसूली
लॉरेंस बिश्नोई जब जोधपुर की जेल में कैद था उस समय उसके गैंग का सदस्य हीरा जाट ने टेक्सटाइल ओनर का नंबर लॉरेंस को दिया. इसके बाद लॉरेंस ने उसे कॉल कर उसे धमकाकर उसके पैसों की मांग की इसके बाद टेक्सटाइल ओनर के ऊपर हीरा जाट ने फायरिंग की तब जाकर उसने पैसे दिए. जिस समय लोरेंस बिश्नोई जोधपुर की जेल में था. उस समय जोधपुर के बुमा राम नाम के गैंग मेंबर ने व्यापारी बमबानी का नंबर दिया. लॉरेंस ने उसे कॉल कर धमकाया, पैसों की मांग की और फिर उसने वसूली के 12 लाख रुपए बिश्नोई गैंग के टीनू और संपत को हैंडओवर किए.
चंडीगढ़ के व्यापारी से 10 लाख को वसूली, फिर विदेश में निवेश
साल 2017 में लॉरेंस बिश्नोई जब भरतपुर जेल में कैद था उस वक्त थाइलैंड में रहने वाले उसके गैंग का मेंबर काला राणा ने उसे इस व्यापारी का नंबर दिया, जिसके बाद लॉरेंस ने उसे धमकाया और उससे 10 लाख रुपए मांगे. व्यापारी ने 10 लाख रुपए लॉरेंस के खास संपत नेहरा को दिए. इस पैसों को संपत ने थाइलैंड काला राणा के पास भेज दिया और इन पैसों का राणा ने मनीष भंडारी नाम के शख्स के क्लब्स में निवेश कर दिया.
लॉरेंस बिश्नोई जब भरतपुर जेल में कैद था उस समय संपत नेहरा और टीनू ने उसे व्यापारी का नंबर दिया, उस व्यापारी को लोरेंस ने धमकाया और फिर संपत ने जाकर उससे 10 लाख कलेक्ट किया, इन पैसों को बाद में संपत ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के वांटेड आरोपियों के पास भिजवा दिया.
मुक्तसर में मन्ना मलोट के पार्टनर से 20 लाख की वसूली
मन्ना मलआउट की हत्या करने के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने उसके वाइन शॉप पार्टनर से 20 लाख की फिरौती मांगी, उस समय लॉरेंस बिश्नोई भरतपुर जेल में कैद था. मन्ना के पार्टनर ने उसे 20 लाख दिए फिर उन पैसों को हवाला के जरिए संपत नेहरा ने थाइलैंड काला राणा के पास भेज दिया उन पैसों को उसने क्लब में इन्वेस्ट कर दिया.
साल 2020 में लॉरेंस बिश्नोई भरतपुर जेल में था उस समय उसे रिंकू का नंबर थाइलैंड के काला राणा ने दिया, जिसके बाद लॉरेंस ने उसे धमकी दी और फिर उससे मिले पैसों में कुछ हवाला के जरिए थाइलैंड निवेश करने के भेजा गया. कुछ का इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए और कुछ पैसों का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई ने जेल में होने वाले खर्चों के लिए किया.
2017 में जेल में बैठकर पंजाब के टेलर को कॉल कर लॉरेंस बिश्नोई ने धमकाकर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी कि यह नंबर उसे उसके भाई अनमोल बिश्नोई ने दिया था. इसके बाद पुणे का रहने वाला संतोष यादव नाम के शूटर ने टेलर के घर पर फायरिंग की और फिर उसने पैसे दिये जिसे बाद में अनमोल के पास भिजवा दिया गया.
सोनीपत, रोहतक, झज्झर, बदली और गुड़गांव के लिकर कांट्रेक्टर से 35 लाख की वसूली
साल 2020 में लोरेंस बिश्नोई और उसका क्राइम पार्टनर काला जेठड़ी ने लिकर कांट्रेक्टर्स से पैसे वसूलना शुरू किया. लॉरेंस बिश्नोई इन्हें कॉल कर धमकाता और पैसों की मांग करता था. इसके बाद उससे मिले पैसों को लॉरेंस ने थाइलैंड में मनीष भंडारी के पास निवेश किया. भंडारी के कई क्लब हैं वहां पर वो बिश्नोई का पैसा वहां रखता है और जरूरत के हिसाब से बिश्नोई को पैसे भी देता है.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई ने बीकानेर के स्टोन कांट्रेक्टर दो लाख महीना वसूली; भीलवर के क्रशर से दो लाख की वसूली, राजमंध और किशनगढ़ के मार्बल कांट्रेक्टर से दो लाख महीने की वसूली की, जबकि गुजरात, राजस्थान बॉर्डर और संचोर एरिया के अल्कोहल, ओपियम और पॉपी हस्क के कांट्रेक्टर से 20 लाख महीने की वसूली की और इन पैसों को हवाला के जरिये गोल्डी बराड़ के पास भिजवा दिया गया.
रोहित गोदारा के जरिए वसूली
साल 2020 में जब लॉरेंस बिश्नोई भरतपुर की जेल में कैद था उस समय गंगानगर के प्रॉपर्टी डीलर से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी इन पैसों को बाद में बिश्नोई के खास सतबीर सैम को कैनेडा में हवाला के जरिए भेजा गया था इन पैसों का इस्तेमाल सैम ने कथित तौर से प्रो खलिस्तानी एलिमेंट को फंडिंग के लिए किया था. गंगानगर के बुकी LD मित्तल से 20 लाख रुपये की वसूली की जिसके लिए उसके घर पर भी फायरिंग कराई उस समय लॉरेंस बिश्नोई को मित्तल का नंबर रोहित गोदारा ने दिया था. इन पैसों को मित्तल ने हवाला से गोल्डी बराड़ को भेजा था. इन पैसों का इस्तेमाल हथियार खरीदने और गैंग के सदस्यों के लिए किया गया.
लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2021 में अजमेर की जेल में रहकर गंगानगर के बुकी राजू से 10 लाख की फिरौती मांगी और फिर उन पैसों को गोल्डी बराड़ के पास हवाला के जरिए कनाडा भेज दिया गया. लॉरेंस बिश्नोई ने अजमेर जेल में रहकर ही दिल्ली के ग्लेन बुकी से 60 लाख की फिरौती मांगी और इन पैसों में से कुछ सैम को कुछ कनाडा में गोल्डी बराड़ को और कुछ पैसों को दूसरे गैंग मेंबर के पास भेज दिए. गोल्डी ने इन पैसों का निवेश ट्रकिंग बिजनेस में किया.
इसके अलावा दिल्ली के ही गूगल बुकी से 40 लाख की वसूली की उसे भी लॉरेंस बिश्नोई ने फोन कर धमकाया था और फिर फिरौती की रकम को कनाडा भेज दिया गया कुछ पैसों से हथियार खरीदे गए. इस तरह से करीबन 28 मामले सामने आये हैं जिसमें लॉरेंस बिश्नोई ने जेल में बैठकर कॉल लिया और लोगों को धमकाकर उनसे लाखों रुपये इकट्ठा किए.