राजस्थान के जयपुर में 17 वर्षीय एक लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया है. पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
राजस्थान के जयपुर में 17 वर्षीय एक लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया है. पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी का नाम कुणाल (22) है. 25 अगस्त को वो लड़की को एक होटल में ले गया, जहां उसने उसके साथ बलात्कार किया. करीब एक महीने बाद 27 सितंबर को आरोपी ने पीड़िता को न्यू आतिश मार्केट मेट्रो स्टेशन पर मिलने के लिए बुलाया, जहां झगड़े के बाद उसने लड़की को स्टेशन से धक्का दे दिया.
इस हादसे में पीड़िता की रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई. जयपुर मेट्रो स्टेशन थाने के एसएचओ अजयकांत रतूड़ी ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया है. 27 सितंबर की मेट्रो स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई है. पीड़िता का सवाई मान सिंह अस्पताल में इलाज चल रहा है.
एसएचओ ने बताया कि पीड़ित लड़की जयपुर में रहकर नीट की तैयारी कर रही है. आरोपी जोधपुर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. दोनों पिछले पांच सालों से एक-दूसरे को जानते हैं. आरोपी के खिलाफ बलात्कार, हत्या के प्रयास और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस केस की जांच जारी है.
बताते चलें कि जुलाई में राजस्थान में शादी का झांसा देकर एक विदेशी महिला से रेप का मामला सामने आया था. पीड़िता ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि आरोपी ने उसे अजमेर, जयपुर के अलग-अलग होटल में 15 दिन रखा और उसके साथ रेप करता रहा. दोनों की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी.
पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया था कि पीड़िता अमेरिका की रहने वाली है. उसने अपनी लिखित शिकायत में बताया कि मानव सिंह राठौर नाम के युवक से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई थी. पहली बार बातचीत के दौरान मानव ने खुद को वकील बताया था. उसने उससे शादी का वादा करके भारत बुलाया था.
उसके आने के बाद आरोपी उसे अलग-अलग शहरों में होटल में रखकर उसके साथ बलात्कार करता रहा. पीड़िता एक एनजीओ के माध्यम से पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची और आपबीती बताई. इस मामले को गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट करवाया. इसके केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी.