Wednesday, October 16, 2024
spot_img

Latest Posts

शरीर के कितना गर्म होने पर आता है बुखार, जानें कब करनी चाहिए ज्यादा चिंता?

जब शरीर नॉर्मल टेंपरेचर से बढ़ जाए और छूने पर गर्म महसूस हो तो ऐसी स्थिति को बुखार कहा जाता है. बुखार आना इम्यूनिटी सिस्टम के रिएक्शन की वजह से भी हो सकता है.

जब शरीर नॉर्मल टेंपरेचर से बढ़ जाए और छूने पर गर्म महसूस हो तो ऐसी स्थिति को बुखार कहा जाता है. बुखार आना इम्यूनिटी सिस्टम के रिएक्शन की वजह से भी हो सकता है.

शरीर का तापमान कई कारण से बदलता है. मौसम में बदलाव, इंफेक्शन होने पर, वैक्सीन लगावाने के बाद जैसी कंडीशन में बॉडी टेंपरेचर बढ़ सकता है. जब यही तापमान ज्यादा होता है, तब इसे बुखार (Fever) कहते हैं.

शरीर का तापमान कई कारण से बदलता है. मौसम में बदलाव, इंफेक्शन होने पर, वैक्सीन लगावाने के बाद जैसी कंडीशन में बॉडी टेंपरेचर बढ़ सकता है. जब यही तापमान ज्यादा होता है, तब इसे बुखार (Fever) कहते हैं.

बुखार होने पर कई तरह की परेशानियां होती हैं. कई बार अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाता है. ऐसे में क्या चिंता करने की जरूरत है या फिर यह नॉर्मल है, जाइए समझते हैं...

बुखार होने पर कई तरह की परेशानियां होती हैं. कई बार अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाता है. ऐसे में क्या चिंता करने की जरूरत है या फिर यह नॉर्मल है, जाइए समझते हैं…

बुखार यानी फीवर बॉडी टेंपरेचर में कुछ समय के लिए बदलाव होने की प्रक्रिया है. जब शरीर नॉर्मल टेंपरेचर से बढ़ जाए और छूने पर गर्म महसूस हो तो ऐसी स्थिति को बुखार कहा जाता है. बुखार आना इम्यूनिटी सिस्टम के रिएक्शन की वजह से भी हो सकता है. आमतौर पर यह किसी इंफेक्शन की वजह से होता है.

बुखार यानी फीवर बॉडी टेंपरेचर में कुछ समय के लिए बदलाव होने की प्रक्रिया है. जब शरीर नॉर्मल टेंपरेचर से बढ़ जाए और छूने पर गर्म महसूस हो तो ऐसी स्थिति को बुखार कहा जाता है. बुखार आना इम्यूनिटी सिस्टम के रिएक्शन की वजह से भी हो सकता है. आमतौर पर यह किसी इंफेक्शन की वजह से होता है.

हमारे देश में एक स्वस्थ शरीर का तापमान 98.4 डिग्री फारेनहाइट आंका गया है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में यह 98.6 डिग्री फारेनहाइट है. हालांकि यह टेंपरचेर हर किसी में अलग-अलग हो सकता है. अगर बॉडी का टेंपरेचर 96-99 फारेनहाइट तक है, तो वह नॉर्मल माना जाता है. दिन के वक्त भी शरीर के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होती है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, जब शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे ज्यादा हो जाता है, तब बुखार होता है.

हमारे देश में एक स्वस्थ शरीर का तापमान 98.4 डिग्री फारेनहाइट आंका गया है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में यह 98.6 डिग्री फारेनहाइट है. हालांकि यह टेंपरचेर हर किसी में अलग-अलग हो सकता है. अगर बॉडी का टेंपरेचर 96-99 फारेनहाइट तक है, तो वह नॉर्मल माना जाता है. दिन के वक्त भी शरीर के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी होती है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, जब शरीर का तापमान 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे ज्यादा हो जाता है, तब बुखार होता है.

अगर किसी बच्चे की बॉडी का टेंपरेचर 103 डिग्री से ज्यादा है और दवा से कम नहीं हो रहा है तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. तुरंत डॉक्टर के पास बच्चे को लेकर जाना चाहिए. बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है तो 100 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर में डॉक्टर को दिखाना चाहिए  अगर बच्चे का बुखार किसी टीका लगने के 48 घंटे बाद भी कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें. अगर बच्चा खाना पीना नहीं कर पा रहा है और उसे पेशाब भी नहीं हो रही है तो भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

अगर किसी बच्चे की बॉडी का टेंपरेचर 103 डिग्री से ज्यादा है और दवा से कम नहीं हो रहा है तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. तुरंत डॉक्टर के पास बच्चे को लेकर जाना चाहिए. बच्चा 3 महीने से कम उम्र का है तो 100 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर में डॉक्टर को दिखाना चाहिए अगर बच्चे का बुखार किसी टीका लगने के 48 घंटे बाद भी कम नहीं हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें. अगर बच्चा खाना पीना नहीं कर पा रहा है और उसे पेशाब भी नहीं हो रही है तो भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.