Saturday, November 16, 2024
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त्योहारी सीजन में 4.25 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद, चीनी सामान से ग्राहक बरकरार रखेंगे दूरी

Festive Season Shopping: इस साल त्योहारों के सीजन का व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये का होने की बड़ी संभावना है. पिछले साल ये आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का था.

Diwali 2024: भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीवाली और उससे जुड़े अन्य त्योहारों की श्रृंखला को जोर-शोर से मनाने के लिए व्यापारी और ग्राहक दोनों बेहद उत्साहित हैं. यही वजह है कि इस बार रक्षाबंधन से लेकर दीवाली के त्योहारों के सीजन में देश के बाजारों में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना है.

व्यापार संगठनों को शानदार बिक्री की उम्मीद
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की त्यौहार के सीजन में लगभग 70 करोड़ ग्राहक बाज़ारों में खरीदारी करते हैं और जहां 500 रुपये या उससे कम खरीदारी करने वाले लोग हैं वहीं हज़ारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की भी कमी नहीं है. इसीलिए देश में त्यौहार के इस सीजन को व्यापार के लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता रहा है.

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने देश के कई राज्यों के 70 शहरों में जिन्हें कारोबारी डिस्ट्रीब्यूशन का केंद्र माना जाता है, उसमें व्यापारी संगठनों के बीच एक हालिया सर्वे कराया है. इस साल देश भर में व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की मांग और पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की है. जिस तरह से देश भर के बाज़ारों में इस बार रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा पर ग्राहकों द्वारा बड़ी खरीदारी की गई, उसको देखते हुए इस साल त्योहारों के सीजन का व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये का होने की बड़ी संभावना है. पिछले साल ये आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का था.

दिल्ली में व्यापार का आंकड़ा 75 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा-कैट
अकेले दिल्ली में यह त्यौहारी व्यापार का आंकड़ा 75 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का रहने वाला है. त्योहारों के सीजन के बाद तुरंत शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा जिसमें भी देश भर के व्यापारी बड़े व्यापार होने की उम्मीद कर रहे हैं.

खास तौर से गिफ्ट आइटम्स, मिठाई-नमकीन, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कपड़े, गहने, कपड़ा, बर्तन, क्राकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फ़र्निशिंग, रसोई के उपकरण, घर सजाने का सजावटी सामान, फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन, कास्मेटिक्स, कंप्यूटर और आई टी इक्विपमेंट, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल, फूल, पूजा सामग्री,मिट्टी के दिये और कुम्हारों द्वारा बनाये गये अन्य सामान, भगवानों की तस्वीर, मूर्ति, हार्डवेयर, पेंट, फ़ैशन की वस्तुएं, खाने-पीने का सामान, एफएमसीजी सामान, किराना, सॉफ्ट ड्रिंक, कन्फ़ेक्शनरी, खाद्य तेल, रेडीमेड फूड, खिलौने वगेरह जमकर बिकेंगे.

शादियां-त्योहारी कार्यक्रम बढ़कर होने से मुनाफा
देश भर में हजारों समारोह होने के कारण सर्विस सेक्टर से जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल, कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कैब सर्विस, डिलीवरी सेक्टर, कलाकारों सहित इसी तरह के अन्य वर्गों को भी बड़ा कारोबारी मुनाफा होगा.

जानिए किस व्यापार में होगा कितना खर्च
एक मोटे अनुमान के मुताबिक 4.25 लाख करोड़ के अनुमानित त्योहारों के व्यापार में लगभग 13 फीसदी खाने और किराना में, 9 परसेंट ज्वेलरी में, 12 परसेंट कपड़ा-गारमेंट, 4 फीसदी ड्राई फ्रूट, मिठाई और नमकीन, 3 फीसदी घर की साज सज्जा, फीसदी कास्मेटिक्स, 8 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल, 3 फीसदी पूजन सामग्री और पूजा वस्तुओं, 3 फीसदी बर्तन और रसोई उपकरण, 2 फीसदी कॉन्फ़ेक्शनरी और बेकरी, 8 फीसदी गिफ्ट आइटम्स, 4 फीसदी फ़र्निशिंग और फर्नीचर और शेष 20 फीसदी ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने सहित दूसरी कई वस्तुओं और सेवाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च किए जाने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि पैकिंग क्षेत्र को भी त्योहारों पर बड़ा व्यापार मिलेगा.

चीनी सामान का हो रहा बायकॉट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से त्योहारों पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आग्रह किया गया था जिसे मानते हुए लोकल खरीदारी पर बड़ा जोर देखा गया है. कैट ने भी देश भर के व्यापारी संगठनों से आग्रह किया है कि वो अपने शहर के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों और कलाकारों के बनाये गये उत्पादों को बाजार दिलाने में सहयोग करें. वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से चीनी सामान की मांग पिछले वर्षों में बड़ी हद तक घटी है. इस साल के त्योहारों सीजन में चीन का कोई भी सामान बाज़ारों में नहीं बिकेगा ऐसा माना जा रहा है.

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