Wednesday, October 16, 2024
spot_img

Latest Posts

Pakistan Diphtheria Vaccine: पाकिस्तान के कराची में मचा हाहाकार, वैक्सीन की कमी से मर गए 100 बच्चे, जानें पूरा मामला

Pakistan News: पाकिस्तान डिप्थीरिया वैक्सीन की कमी ने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली. कराची के हॉस्पिटल में वैक्सीन के न होने से इतना बड़ा झटका लगा है.

Pakistan Diphtheria Vaccine Death: पाकिस्तान के कराची में डिप्थीरिया से 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. और इसका मुख्य कारण डिप्थीरिया एंटी-टॉक्सिन (DAT) की कमी है. डिप्थीरिया एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है, जिसे वैक्सीनेशन के मदद से रोका जा सकता है. हालांकि, कराची और सिंध के अन्य हिस्सों में इस बीमारी के खिलाफ जरूरी एंटीटॉक्सिन दवाओं की कमी ने इस स्थिति को और अधिक खतरनाक बना दिया है.

पिछले साल सिंध संक्रामक रोग अस्पताल में 140 डिप्थीरिया के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 52 बच्चों की जान नहीं बच सकी. इस साल डिप्थीरिया से 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि पूरे सिंध में एंटीटॉक्सिन दवा मौजूद नहीं है. एक बच्चे के इलाज के लिए 0.25 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग ₹1.2 लाख) की एंटीटॉक्सिन दवा की जरूरत होती है.

डिप्थीरिया शरीर के किस हिस्सों पर करता है असर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डिप्थीरिया गले और सांस लेने वाले रास्तें को प्रभावित करता है. इसके लक्षणों में गले में खराश, बुखार, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन और कमजोरी शामिल हैं. अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो डिप्थीरिया लगभग 30 फीसदी मामलों में घातक हो सकता है. इससे खासकर छोटे बच्चों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है.

वैक्सीनेशन की कमी और इसके प्रभाव
डिप्थीरिया को वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए समय पर वैक्सीनेशन और बूस्टर खुराक की जरूरत होती है. खैबर पख्तूनख्वा के निदेशक विस्तारित टीकाकरण कार्यक्रम (EPI), मोहम्मद आरिफ खान ने कहा कि डिप्थीरिया के प्रकोप को रोकने का एकमात्र तरीका समय पर टीकाकरण है. हालांकि, पाकिस्तान में वैक्सीनेशन कवरेज का स्तर कम है और COVID-19 महामारी ने इस स्थिति को और बदतर बना दिया है. इसे नियमित वैक्सीनेशन सर्विस में बाधा आई है.

डब्ल्यूएचओ की डिप्थीरिया से जुड़ी रिपोर्ट
WHO के अनुसार 2023 में दुनिया भर में केवल 84 फीसदी बच्चों को डिप्थीरिया युक्त टीके की अनुशंसित तीन खुराक मिली हैं. लगभग 16 फीसदी बच्चे या तो बिना वैक्सीनेशन के हैं या उनका वैक्सीनेशन अधूरा है. यह कवरेज विभिन्न देशों और क्षेत्रों में व्यापक रूप से अलग है. COVID-19 महामारी ने टीकाकरण सेवाओं को और अधिक प्रभावित किया है, जिससे डिप्थीरिया जैसी बीमारियों के प्रसार का खतरा बढ़ गया है.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.