Russia Nuclear Policy: रूस-यूक्रेन जंग के बीच व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हमलों की नीति में बदलाव किया है. नए नियमों के तहत रूस अब पारंपरिक हथियारों से किए गए हमले का जवाब परमाणु हमलों से कर सकता है.
Russia Nuclear Policy: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों के उपयोग को लेकर नई गाइडलाइंस की घोषणा की है. पुतिन ने कहा कि यदि कोई परमाणु संपन्न देश के सहयोग से गैर परमाणु संपन्न देश रूस पर हमला करता है तो दोनों को आक्रमणकारी माना जाएगा. ऐसी स्थिति में रूस दोनों देशों पर जवाबी हमला कर सकता है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि परमाणु सिद्धांतों में नए परिवर्तनों के तहत, यदि अब कोई देश रूस पर पारंपरिक हथियारों से हमला करता है तब भी रूस परमाणु हथियारों से जवाब देने के लिए स्वतंत्र होगा.
व्लादिमीर पुतिन ने यह बातें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कही, जो परमाणु नियमों में बदलाव को लेकर आयोजित की गई थी. माना जा रहा है कि रूस पर यूक्रेन के बढ़ते हमलों की वजह से पुतिन ने परमाणु हथियार के नियमों में बदलाव किया है. यूक्रेन पिछले ढाई सालों से अमेरिका और पश्चिमी देशों के सहयोग से रूस से टक्कर ले रहा है. हाल के महीनों में यूक्रेन ने रूस पर अपने हमलों को तेज कर दिया है, साथ ही रूस के कुछ इलाकों पर कब्जा कर लिया है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार किसी देश ने रूस पर हमला किया है और उसकी जमीन पर कब्जा किया है.
रूस के भीतरी इलाकों पर हमले कर सकता है यूक्रेन
दरअसल, मौजूदा समय में पश्चिमी देश इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि यूक्रेन लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करके रूस के भीतरी इलाकों पर हमला करे. इस दौरान यह भी चर्चा चल रही है कि यूक्रेन मिसाइलों के जरिए रूस के सैन्य ठिकानों पर हमला करे. करीब एक महीने पहले रूस के कुर्स्क इलाके में यूक्रेन ने कब्जा कर लिया था. ऐसे में अब रूस अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर नियमों में बदलाव कर रहा है. रूस के अंदर परमाणु नियमों में सुधार करने का अंतिम निर्णय पुतिन के हाथों में है.
पुतिन की टिप्पणियों पर क्या बोला यूक्रेन
व्लादिमीर पुतिन ने अपने बयानों में सीधे तौर पर यूक्रेन का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए सिद्धांत में संशोधन आवश्यक था. दूसरी तरफ यूक्रेन के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक ने कहा कि पुतिन की नए बयान ब्लैकमेलिंग से अधिक कुछ नहीं हैं. यरमक ने कहा, ‘रूस के पास अब परमाणु ब्लैकमेलिंग के अलावा दुनिया को डराने के लिए कोई साधन नहीं हैं, लेकिन ये साधन अब काम नहीं करेंगे.’