Friday, November 8, 2024
spot_img

Latest Posts

पूर्व मिनिस्टर सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत! जानें अब कब होगी रिहाई

सुप्रीम कोर्ट ने डीएमके के वरिष्ठ नेताओं में शामिल सेंथिल बालाजी को मुकदमे में देरी के आधार पर जमानत दी है.सेंथिल को जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था.


Supreme Court Grants bail to V Senthil Balaji: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुरुवार (26 सितंबर 2024) को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी. जून 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी हुई थी. डीएमके के वरिष्ठ नेताओं में शामिल सेंथिल बालाजी को मुकदमे में देरी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि जमानत पर कठोर शर्तें और अभियोजन में देरी एक साथ नहीं चल सकती. हालांकि जस्टिस एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने बालाजी को जमानत देने पर कड़ी शर्तें रखीं हैं. प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से 28 फरवरी को उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. मद्रास उच्च न्यायालय ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है, तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा. हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद बालाजी ने अपनी जमानत याचिका के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. 

14 जून को ईडी ने किया था गिरफ्तार

पिछले साल 14 जून को ईडी ने बालाजी को नौकरी के लिए नकदी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. जब सेंथिल बालाजी गिरफ्तार किए गए थे तब वह एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे. यह मामला तमिलनाडु परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों की नियुक्ति और ड्राइवरों और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. गिरफ्तारी के आठ महीने बाद बालाजी ने 13 फरवरी को तमिलनाडु मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

नौकरी के नाम पर पैसे लेने का आरोप

ईडी ने 12 अगस्त 2023 को इस मामले में बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्व मंत्री ने नौकरी के इच्छुक लोगों से रिश्वत लेने के लिए अपने भाई और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ साजिश रची थी. पिछले साल 19 अक्टूबर को मद्रास उच्च न्यायालय ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. एक स्थानीय अदालत ने भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज की थी.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.