Mutual Fund Investment: सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी से लेकर रोहित शर्मा आजकल म्यूचुअल फंड के विज्ञापनों में आकर इसके फायदों के बारे में बता रहे हैं और आपको भी इस ऐसेट के बारे में जानना चाहिए.
Mutual Fund Investment: आजकल के समय में म्यूचुअल फंड का नाम ऐसा नाम है जो वित्तीय बाजार में सबसे ज्यादा सुनने वाले शब्दों में से एक है. आपने म्यूचुअल फंड के विज्ञापन में भी सुना होगा कि ‘म्यूचुअल फंड सही है’.. इसके साथ एक डिस्क्लेमर भी आता है जिसमें कहा जाता है कि म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. ऐसा इसलिए कि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड वो ऐसेट बनकर उभरा है जो आपके निवेश किए हुए पैसे को जल्दी दोगुना बनाने की क्षमता रखता है. 10 साल में अगर आपको ऐसा निवेश करना है जो दोगुना रिटर्न दे तो साफ तौर पर म्यूचुअल फंड इसका पर्याय बनकर सामने आता है.
म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न खासतौर से इक्विटी म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न असाधारण रहा है. जैसे-जैसे इंटरनेशनल इक्विटी स्कीमों में निवेश बढ़ता जा रहा है, निवेशकों को 15 फीसदी का सीएजीआर (CAGR) रिटर्न मिल रहा है. ये लगातार पांच सालों से देखा जा रहा है. जैसे कि मार्केट एक्सपर्ट भी कहते हैं कि अगर आपको लगातार 10 सालों तक औसत 15 फीसदी का रिटर्न मिलता रहे तो 10 सालों में आपका पैसा डबल हो सकता है.
म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश बढ़ रहा
म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश बढ़ता जा रहा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड यानी एम्फी (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2024 में एसआईपी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) में रिकॉर्ड निवेश आया है और ये 2350 करोड़ रुपये के आंकड़े पर आ गया है. खास बात ये है कि ये लगातार 14th महीना है जब ये एसआईपी का डेटा लाइफटाइम हाई पर आ गया हो.
अगस्त के म्यूचुअल फंड्स निवेश के आंकड़े हैं खुश करने वाले
आपने अगर अगस्त के आंकड़ों पर ध्यान दिया हो तो ये बात आपका ध्यान खींच सकती है कि बीते महीने यानी अगस्त में इक्विटी स्कीमों में 38,239 करोड़ रुपये का नेट इंफ्लो आया है. ये जुलाई के 37,113 करोड़ रुपये के नेट इंफ्लो से 3.3 फीसदी ज्यादा है यानी जुलाई में जितने पैसे इक्विटी म्यूचुअल फंड में आए हैं, उससे 3.3 प्रतिशत ज्यादा रकम अगस्त के दौरान देखी गई है.
1. Large Cap Funds (लार्ज कैप फंड्स)
लार्ज कैप फंड वो होते हैं जो मौजूदा मार्केट के ट्रेंड के मुताबिक ऐसे म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं जो बड़ी कंपनियों के शेयरों वाले फंड्स में निवेश होते हैं. लार्ज कैप फंड्स की इस कैटेगरी में निवेशकों को पिछले पांच साल में औसत 19 फीसदी का रिटर्न मिला है जिसके चलते अगले 5 साल में इन फंड्स में पैसा डबल होने की उम्मीद है. निवेशकों को हालांकि ऐसे फंड चुनने होंगे जो लार्ज कैप फंड में पैसा लगा रहे हैं और उनकी समय-समय पर चेकिंग करते रहते हों.
2. Multi Cap Mutual Fund (मल्टी कैप म्यूचुअल फंड्स)
मल्टी कैप म्यूचुअल फंड्स वो होते हैं जो म्यूचुअल फंड्स के तहत आने वाली सभी कैटेगरी के फंड्स में पैसा लगा रहे हो. उदाहरण के तौर पर लार्ज कैप फंड, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश किया जाता हो. इन फंड की खास बात ये है कि ये मार्केट कैपिटलाइजेशन के बदलने के मुताबिक अपने पोर्टफोलियो को भी बदलते रहते हैं. ये सबसे आकर्षक म्यूचुअल फंड कै तौर पर उभरकर आए हैं क्योंकि इनमें 25 फीसदी CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) मिल रहा है जो सभी तरह के एमएफ में सबसे बढ़िया रिटर्न ने वाले ऐसेट में से एक के तौर पर देखे जा रहे हैं.
3. Flexi Cap Funds (फ्लेक्सी कैप फंड)
फ्लेक्सी फंड के तौर पर वो फंड आते हैं जो स्टॉक मार्केट के संसार में कई तरह के सेक्टर और कई तरह के अनुपात में निवेश करते हैं. इनसे खास तौर पर स्टॉक मार्केट में बबल के खतरे से होने वाला असर कम हो जाता है. वहीं फंड मैनेजर एक्टिव कैश कॉल भी ले सकते हैं. इस कैटेगरी के फंड ने पिछले 5 सालों में 21 फीसदी का कंपाउंड रिटर्न दिलाया है.
4. Contra Funds (कॉन्ट्रा फंड्स)
मौजूदा मार्केट ट्रेंड के तौर पर जो शेयर ऊपर हैं उनमें तो सभी निवेश करना चाहते हैं लेकिन ऐसे शेयर जो चढ़ते मार्केट में भी ज्यादा ऊपर ना जा रहे हों, उनमें निवेश करने का तरीका कॉन्ट्रा फंड में अपनाया जाता है. कॉन्ट्रा फंड जैसा कि नाम से ही अंदाजा लग रहा है ये कॉन्ट्रारियन चाल के आधार पर निवेश करते हैं. इनका रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो काफी अच्छा होता है. हालांकि रिस्क के मामले में ये फंड थोड़े ज्यादा रिस्की होते हैं पर फिर भी इनकी कुछ खासियतें हैं जैसे हाई रिटर्न, लॉन्ग टर्म ग्रोथ और पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन जिनसे कुल मिलाकर निवेशक को अच्छा रिटर्न मिलता है. अगर आप इनका रिटर्न सुनेंगे तो चौंक जाएंगे, क्योंकि पिछले 5 सालों में कॉन्ट्रा फंड्स ने 27 फीसदी का शानदार रिटर्न दिलाया है.
5. Multi Asset Allocation Funds (मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड)
ये फंड दरअसल हाईब्रिड फंड की कैटेगरी में आते हैं. इनके लिए जरूरी होता है कि इन फंड्स को कम से कम 3 अलग-अलग ऐसेट क्लास में 10-10 फीसदी का निवेश करना जरूरी होगा. इन तीन फंड्स में खास तौर पर इक्विटी और डेट तो होते ही हैं, तीसरा ऐसेट क्लास सोना या रियल एस्टेट हो सकता है या किसी और ऐसेट में इंवेस्टमेंट हो सकता है. इनकी खासियत है कि इनमें ज्यादातर इक्विटी से कम रिस्क होता है और साथ ही हाइब्रिड फंड से भी कम जोखिम होता है. पिछले 5 सालों में इन फंड्स ने 19.2 फीसदी का औसत रिटर्न दिलाया है.
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. anbnews.co.in की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.