Idol Immersion: मूर्ति विसर्जन गाइडलाइन में कहा गया है कि पूजन सामग्री फूल कागज और प्लास्टिक से बनी सजावटी सामग्री को विसर्जन से पहले हटा लिया जाए. मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होंगे.
Guidelines For Druga Puja Idol Immersion: दुर्गा पूजा को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् ने मूर्ति विसर्जन के लिए आवश्यक सूचना जारी की है. इस सिलसिले में पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने भी सभी पूजा समितियों और स्थानीय निकायों को इन मानकों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् ने पूजा के बाद सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्त्ति विसर्जन की व्यवस्था की है.
निर्देशों का अनुपालन वैद्यानिक बाध्यता
जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, 1974 (1974 का 6) के जरिए मिली शक्तियों के तहत बिहार सरकार ने अधिसूचना संख्या 849 दिनांक 04 अक्टूबर, 2021 के जरिए अधिसूचित बिहार (पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021 में मूर्ति विसर्जन के लिए जारी निर्देशों का अनुपालन वैद्यानिक बाध्यता है. इस गाइडलाइन को सभी पूजा समिति सुनिश्चित करेगी.
मूर्ति विसर्जन गाइडलाइन में कहा गया है कि पूजन सामग्री जैसे फूल और कागज और प्लास्टिक से बनी अन्य सजावटी सामग्री को मूर्तियों के विसर्जन से पहले हटा लिया जाए और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार निपटान के लिए जैव-विघटनीय सामग्रियां अलग कर ली जाएं. मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली के जरिए मूर्ति निर्माण एवं इसके विसर्जन के लिए 12 मई, 2020 को जारी संशोधित मार्गदर्शिका का कड़ाई से पालन किया जाए.
स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के दायित्व
मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होंगे, किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
मूर्तियों के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों को इतनी बड़ी संख्या में बनाना जो भीड़-भाड़ से बचने और प्रदूषण के भार को कम करने के लिए पर्याप्त हो.
पूजा समिति के साथ कृत्रिम तालाबों/विसर्जन स्थल को टैग/चिन्हित करना.
कृत्रिम तालाबों/विसर्जन स्थलों को अधिसूचित कर इसके बारे में सभी पूजा समितियों/जनता को सूचित करना.
मूर्तियों का विसर्जन पुलिस प्राधिकार या जिला प्राधिकार द्वारा निर्धारित समय-सारणी के अनुसार किया जायेगा, विसर्जन स्थल पर जनित ठोस कचरा यथा-फूल, कपड़ा, सजावट सामग्री आदि के जलाने पर रोक लगाना.
यह सुनिश्चित करना कि मूर्तियों के विसर्जन के 48 घंटे के भीतर मूर्तियों का अवशेष, संचित मलबा, पुआल या जूट की रस्सी आदि और मूर्तियों के विसर्जन से संबंधित अन्य सभी अपशिष्ट पदार्थों को हटा दिया जायेगा और ठोस कचरा संग्रह स्थल पर पहुंचाया जायेगा.
यह सुनिश्चित करना कि विसर्जन से पहले जैव विघटनीय सामग्री को हटा लिया गया है और संबंधित स्थानीय निकाय इन सामग्रियों का उपयोग खाद और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए कर सके.
पूजा समिति / संगठन के जरिए इन नियमों के किसी भी उल्लंघन का प्रतिवेदन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् को देना.