Nitin Gadkari on Elections: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने धर्म और जाति की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उनका कहना है कि चुनाव के दौरान जाति की बात नहीं होनी चाहिए.
Nitin Gadkari on Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इसकी तैयारियो में अभी से लग गई है. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने धर्म और जाति की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. गडकरी ने कहा कि वो पिछले कई सालों से राजनीति कर रहे हैं और वो सिर्फ समाज सेवा करते हैं. राजनीति में वो कभी भी अपने विचारों से समझौता नहीं करते.
उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग जातियों और धर्मों के लोग मुझसे मिलने आए थे. मैंने खुलकर कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति या धर्म से महान नहीं होता, व्यक्ति अपने गुणों से महान होता है.” गडकरी ने कहा कि हमारे संतों ने हमें सिखाया है कि समाज से जाति, धर्म, ऊंच-नीच के आधार पर सभी भेदभाव समाप्त होने चाहिए और सामाजिक और आर्थिक समानता स्थापित होनी चाहिए. इसलिए मैं किसी के दबाव में नहीं आता. सभी का कल्याण होना चाहिए, लेकिन चुनाव के दौरान जाति की बात नहीं होनी चाहिए.
‘अमीर लोगों से लिया जाता है टोल’
नितिन गडकरी ने बीते रोज टोल टैक्स को लेकर भी बड़ा बयान दिया था. उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि टोल टैक्स भविष्य में भी खत्म नहीं होगा. स्वतंत्र पत्रकार शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट के दौरान उनसे सवाल पूछा गया था कि टोल टैक्स के चलते हर मध्यम वर्गीय व्यक्ति परेशान है. इसको लेकर नितिन गडकरी ने जवाब दिया कि टोल तो हम अमीर लोगों से ले रहे हैं. इसके आगे उनसे यह पूछा गया कि इसका मतलब यह है कि आगे भविष्य में भी टोल टैक्स खत्म नहीं होगा, जिसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि बिल्कुल भी नहीं होगा. अगर किसी शख्स को अच्छी सेवाएं और सुविधा चाहिए तो उसके लिए पैसे चुकाने होंगे.
कहां-कहां कम और ज्यादा लगता है टोल
उनका कहना था कि वह आज इतना काम कर रहे हैं. आज भारत की सड़क अमेरिका की सड़कों के बराबर हो गई हैं. सड़कों का बदलता इंफ्रास्ट्रक्चर केवल बजट के पैसे से नहीं हुआ है. गडकरी ने कहा कि उन्होंने इवेंट्स-बॉन्ड्स से पैसे खड़े किए हैं. यहां तक की बैंकों से कर्जा लिया है. लोगों से रकम जुटाई है तब जाकर इतनी शानदार सड़के बना पाई है.
गडकरी का कहना है कि टोल उस जगह से मिलता है, जहां पर आर्थिक विकास होता है, जिस जगह पर ग्रोथ रेट ज्यादा होता है, गाड़ियों की संख्या ज्यादा होती है. उस जगह पर टोल टैक्स लिया जाता है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा में टोल मिलता है, लेकिन झारखंड, नॉर्थ ईस्ट, यूपी और बिहार में इतना टोल टैक्स नहीं मिलता.