Delhi Ministers Portfolio: दिल्ली की सीएम आतिशी समेत सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. सीएम आतिशी के पास भी पहले की तरह कई विभागों की जिम्मेदारी है.
Delhi Ministers Portfolio: दिल्ली में सीएम पद की शपथ के बाद किसे कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा, इसकी तस्वीर शनिवार शाम होते-होते साफ हो गई है. सीएम समेत सभी मंत्रियों के विभागों की घोषणा कर दी गई है. इसको लेकर सीएम कार्यालय की ओर से आधिकारिक जानकारी दी गई है.
सबसे अधिक मंत्रालय सीएम आतिशी के पास होंगे. उनके पास कुल 13 मंत्रालय हैं जिनमें वित्त और राजस्व जैसे अहम विभाग भी शामिल है. उनके बाद सौरभ भारद्वाज के पास आठ मंत्रालय हैं, गोपाल राय को तीन विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. कैलाश गहलोत के पास पांच विभाग हैं. इमरान हुसैन को दो और मुकेश अहलावत को पांच विभाग सौंपे गए हैं.
चार मंत्रियों के अहम विभागों में नहीं बदलाव
सौरभ भारद्वाज को एकबार फिर स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई है जबकि गोपाल राय पहले की तरह पर्यावरण मंत्री बने रहेंगे. कैलाश गहलोत भी पहले की तरह परिवहन विभाग संभालेंगे. इमरान हुसैन को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग मिला है जबकि श्रम, रोजगार और SC/ST विभाग मुकेश अहलावत को सौंपा गया है.
आतिशी (सीएम)
1.लोक निर्माण विभाग
2.बिजली
- शिक्षा
4.उच्च शिक्षा
5.प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा
6.पब्लिक रिलेशन
7.राजस्व
8.वित्त - प्लानिंग
- सेवा
- विजिलांस
- जल
- कानून, न्याय एवं विधायी मामलों का विभाग
सौरभ भारद्वाज (मंत्री)
1.शहरी विकास
2.सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण
3.स्वास्थ्य
4.उद्योग
5.कला, संस्कृति एवं भाषा
6.पर्यटन
7.सामाजिक कल्याण
- को-ऑपरेशन
गोपाल राय (मंत्री)
1.विकास
2.सामान्य प्रशासन विभाग
3.पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवन
कैलाश गहलोत (मंत्री)
1.परिवहन
2.प्रशासनिक सुधार
3.सूचना एवं प्रौद्योगिकी
- गृह
- महिला एवं बाल विकास
इमरान हुसैन (मंत्री)
1.फूड एवं सप्लाई
2.चुनाव
मुकेश अहलावत (मंत्री)
1.गुरुद्वारा चुनाव
2.एससी एवं एसटी
3.भूमि एवं इमारत
- श्रम
- रोजगार
ऐसे देखा जाए तो मंत्रियों के विभागों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद आतिशी और सौरभ भारद्वाज को बड़े मंत्रालय दिए गए थे, जो मंत्रालय उनके पास अभी भी बने हुए हैं. हालांकि मुकेश अहलावत कैबिनेट में नया नाम हैं जिन्हें पहली ही बार में पांच बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है. वह पहली बार के विधायक भी हैं. साढ़े चार साल के इंतजार के बाद उन्हें कैबिनेट में अहम स्थान मिला है.