Durga Khote Life Story: हर किसी की अपनी कहानी होती है लेकिन कुछ लोगों की कहानी दिल को झकझोर जाती है. कुछ ऐसा ही अभिनेत्री दुर्गा खोटे की भी थी जो मराठी और हिंदी फिल्मों में अहम किरदार निभा चुकी हैं.
Durga Khote Life Story: हर किसी की लाइफ में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और हमें नहीं पता होता है कि आने वाले कल में क्या होने वाला है. हर इंसान की अपनी कहानी है लेकिन कुछ कहानियां दिल को झकझोर देती हैं. ऐसी ही कहानी दुर्गा खोटे की थी जिन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा की कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और उनकी उस दौर में खूब लोकप्रियता थी.
दुर्गा खोटे की जर्नी काफी संघर्षभरी रही है जिसमें उन्हें सफलता तो मिली लेकिन उससे पहले उन्हें दर्द भी खूब मिला. पहले कम उम्र में पति का निधन, फिर बेटे की मौत से दुर्गा खोटे टूट गई थीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर सफलता भी हासिल की.
दुर्गा खोटे की दर्दभरी कहानी
14 जनवरी 1905 को मराठी ब्राह्मण परिवार में दुर्गा खोटे का जन्म हुआ था. इनके बचपन का नाम विता लद था जिनके पिता पांडुरंग शामरउ लद और मां मंजूबाई थीं. दुर्गा खोटे एक अच्छे और फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग परिवार से बिलॉन्ग करती थीं. जिस समय महिलाओं को घर से निकलने नहीं दिया जाता था उस समय दुर्गा खोटे ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. लगभग 17 साल की उम्र में दुर्गा खोटे की शादी हुई लेकिन जब वो 26 की उम्र तक पहुंची तभी उनके पति का निधन हो गया था.
दुर्गा खोटे अपनी शादीशुदा लाइफ में खुश थीं लेकिन उनकी खुशियों का समय कम था और उसके बाद वो अकेले ही रहीं. शादी के 10 सालों में दुर्गा खोटे के दो बेटे बकुल और हकिन खोटे हुए. दोनों बेटे अच्छे से सैटल्ड हुए लेकिन हरिन जब अपनी 40 की उम्र में आए तब उनका निधन हो गा था. दुर्गा खोटे का निधन 22 सितंबर 1991 में उनकी 86 साल की उम्र में हुआ था.
दुर्गा खोटे की फिल्में
पति के निधन के बाद घर चलाने के लिए दुर्गा खोटे ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. दुर्गा खोटे उस दौर की बेहतरीन इंग्लिश बोलने वाली महिला थीं. साल 1931 में साइलेंट फिल्म फरेबी जाल में दुर्गा खोटे ने एक माइनर रोल किया था लेकिन बाद में मचिंद्रा (1932) फिल्म से इनका डेब्यू हुआ. फिल्मों में आने से पहले दुर्गा खोटे ने थिएटर्स भी किया था. मराठी और हिंदी फिल्मों को मिलाकर उन्होंने अपने 50 साल के फिल्मी करियर में करीब 200 फिल्में कीं.
अगर सिर्फ हिंदी फिल्मों की बात करें तो दुर्गा खोटे ने ‘मुगल-ए-आजम’, ‘अमर ज्योति’, ‘बिदाई’, ‘भरत मिलाप’, ‘हमलोग’, ‘बावर्ची’, ‘जीने की राह’, ‘मिर्जा गालिब’, ‘एक फूल दो माली’, ‘दूर की आवाज’, ‘बॉबी’, ‘खिलौना’, ‘खुशबू’ और ‘कर्ज’ जैसी सुपरहिट फिल्में कीं.