अपराजिता बिल कानून का रूप लेने से पहले ही सवालों के घेरे में आ चुका है. हाल ही में पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा है कि अपराजिता बिल ममता सरकार के कारण पेंडिंग है.
Bangladesh Ban Hilsa Fish for Durga Puja: दुर्गा पूजा के दौरान हर बंगाली घर में हिल्सा जरूर बनती है, लेकिन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बांग्लादेश ने हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की बहुत धूम होती है. लोग खिचड़ी के साथ हिल्सा मछली खाना बहुत पसंद करते हैं. दुर्गा पूजा के दौरान हर बंगाली घर में हिल्सा जरूर बनती है, लेकिन इस साल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा. बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद अंतरिम सरकार ने हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अंतरिम सरकार ने हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण इन मछलियों की भारी कमी देखने को मिली है और यही कारण है कि इनकी कीमतें आसमान छू रही है. हालांकि, इन मछलियों ने इस प्रतिबंधों को बाजू करके खुद भारत आने का रास्ता ढूंढ लिया है, जिससे पश्चिम बंगाल के बाजारों में यह मछली तो मिल जाएगी मगर इनकी कीमत काफी ज्यादा होगी.
शेख हसीना की सरकार के दौरान हर साल त्योहारों के सीजन में हिल्सा मछली की बड़ी खेप भारत आती थी. शेख हसीना ने सद्भावना के मकसद से त्योहार के सीजन में पश्चिम बंगाल को हिल्सा मछली की बड़ी खेप भेजना शुरू किया था, लेकिन मत्स एवं पशुधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने बताया कि अब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार ने स्थानीय आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
फरीदा अख्तर का कहना है कि जब तक बांग्लादेश के लोगों के लिए यह पर्याप्त नहीं होती तब तक वह हिल्सा का निर्यात नहीं करेंगे और इस साल उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय को दुर्गा पूजा के दौरान भारत को हिल्सा मछली के निर्यात को रोकने का निर्देश भी दे दिया है.
हिल्सा मछली बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली है और दुनिया की लगभग 70 फीसदी हिल्सा मछली का उत्पादन अकेला बांग्लादेश करता है. वहीं साल 2012 में बांग्लादेश ने तीस्ता नदी जल बंटवारे के समझौते पर विवाद के चलते चीन को भी हिल्सा मछली का निर्यात रोक दिया था. इस प्रतिबंध के कारण भारत में इस मछली की कीमतें आसमान छूने लगी थी और इसकी तस्करी भी खूब होने लगी थी, जिसे देखते हुए शेख हसीना ने फिर से निर्यात को शुरू कर दिया था.
अब सवाल यह है कि पश्चिम बंगाल को हिल्सा मछली कहां से मिलेगी तो बता दें कि यह मछली उड़ीसा, म्यांमार और गुजरात जैसी जगहों पर थोड़ी बहुत पाई जाती है और आपूर्ति कम होने के कारण दुर्गा पूजा के दौरान इन मछलियों की कीमत बहुत अधिक हो जाएगी. खास बात यह भी है कि भले ही बांग्लादेश की अंतिम सरकार ने इस मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया हो, लेकिन दिल्ली के बाजारों में यह मछलियां अब भी बिक रही है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में मछली बेचने वाले व्यापारियों ने बताया कि बांग्लादेश की हिल्सा अब म्यांमार के रास्ते भारत आ रही है. यही कारण है कि इनकी कीमतें बढ़ गई है. एक से डेढ़ किलो की हिल्सा मछली अब 2200 से 2400 रुपए प्रति किलोग्राम बेची जा रही है. वहीं कुछ महीनों पहले इसकी अधिकतम कीमत ₹2000 हुआ करती थी.
पद्मा नदी में पाई जाने वाली हिल्सा मछली की मांग न केवल पश्चिम बंगाल में है बल्कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, झारखंड और बिहार के बाजारों में भी इसकी खूब मांगे हैं. न केवल दुर्गा पूजा बल्कि पोइला बैसाख (बंगाली नववर्ष) के दौरान इसकी खूब मांग होती है.
हिल्सा मछली भारत और बांग्लादेश के बीच डिप्लोमेटिक टूल रही है. इस मछली की वजह से दोनों देशों के बीच सद्भावना और दोस्ती बनी है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने कई मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित भारत के कई नेताओं को यह मछली उपहार में भी दी है.