Michel Barnier: फ्रांस के चुनाव में इस बार किसी भी पार्टी और गंठबंधन को बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में 50 दिनों की कार्यवाहक सरकार के बाद मिशेल बार्नियर को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है.
Michel Barnier: यूरोपीय संघ के पूर्व ब्रेक्जिट वार्ताकार मिशेल बार्नियर फ्रांस के नए प्रधानमंत्री बने हैं. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 50 दिनों से चल रही कार्यवाहक सरकार के बाद शुक्रवार को नए प्रधानमंत्री के नाम का एलान किया. पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि नए प्रधानमंत्री की तलाश के लिए राष्ट्रपति और उनके सहयोगी कई सप्ताह से प्रयासरत थे. एक ऐसे प्रधानमंत्री की तलाश की जा रही थी जो मैक्रों के विरोधियों द्वारा नई सरकार को गिराने के प्रयास को नाकाम कर सके. मैंक्रों ने पीएम मिशेल बार्नियर को बड़ी जिम्मेदारी दी है, इसमें फ्रांस को एकीकृत करना और अनिर्णायक चुनाव परिणाम के बाद पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करना शामिल है.
राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए मिशेल बार्नियर के नाम की घोषणा करते हुए बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि ‘मिशेल को देश और फ्रांसीसी लोगों की सेवा करने के लिए एक एकीकृत सरकार बनाने का काम सौंपा गया है.’ राष्ट्रपति का मानना है कि नए प्रधानमंत्री का कार्यकाल स्थिर होगा, इसी तरह की उन्होंने उम्मीद जताई है.
मिशेल बार्नियर के पास लंबा राजनीतिक अनुभव
मिशेल बार्नियर फ्रांस के एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, वे अल्पाइन क्षेत्र हाउते-सावोई से आते हैं. बार्नियर यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने को लेकर चली बातचीत के मुख्य वार्ताकार थे. 27 साल की उम्र में बार्नियर पहली बार सांसद बने थे, इसके बाद वे विदेश मंत्री, कृषि मंत्री समेत फ्रांस की सरकारों में बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. फिलहाल, पिछले 15 सालों से वे फ्रांस की राजनीति से दूर हो गए थे और अपना ज्यादातर समय ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय में बिता रहे थे.
फ्रांस में स्थिर सरकार चलाना सबसे बड़ी जिम्मेदारी
मिशेल बार्नियर के सामने सबसे बड़ी चुनौती सरकार को बनाए रखना है, क्योंकि इस सरकार पर हमेशा अविश्वास प्रस्ताव का खतरा बना रहेगा. इसी तरह की संसद में रहकर बार्नियर को सुधारों और 2025 के बजट को आगे बढ़ाना है. बार्नियर मौजूदा समय में 73 साल के हो चुके हैं और ये फ्रांस के आधुनिक राजानीतिक इतिहास में सबसे अधिक उम्र के प्रधानमंत्री बने हैं. जो सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री गेब्रियल एटल की जगह लिए हैं. एटल ने 16 जुलाई को त्रिशंकु चुनाव परिणाम आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.