Tuesday, September 17, 2024
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SEBI: ऑफिस में टॉक्सिक वर्क कल्चर के आरोपों पर सेबी की सफाई, कहा- बाहर से मिसगाइड हो रहे कर्मचारी

SEBI Chief Madhabi Puri Buch: सेबी के करीब 500 कर्मचारियों व अधिकारियों ने नियामक प्रमुख माधबी पुरी बुच के काम करने की शैली की सरकार से शिकायत की है और माहौल को टॉक्सिक बनाने का आरोप लगाया है…

बाजार नियामक सेबी ने लगभग आधे कर्मचारियों की नाराजगी और टॉक्सिक वर्क कल्चर के आरोपों के बीच अब आधिकारिक रूप से सफाई जारी की है. सेबी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे (आरोप लगाने वाले कर्मचारी) बाहर से मिसगाइड हो रहे हैं.

आरोपों पर सेबी ने दी ये सफाई

बाजार नियामक ने बुधवार देर शाम इसे लेकर एक बयान जारी किया. उसने कहा- एचआरए और टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर कर्मचारियों की आपत्तियां बाहरी तत्वों से मिसगाइडेड हैं और संभवत: मिसप्लेस्ड हैं. साथ ही नियामक ने ये भी कहा कि इस तरह के आरोपों का उद्देश्य संस्थान की विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाना है. बकौल नियामक, वह बाजार के जटिल इकोसिस्टम की उच्च पारदर्शिता व प्रतिक्रियात्मकता के साथ निगरानी करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस तरह की चल रही हैं खबरें

इससे पहले खबरों में बताया गया था कि सेबी के कर्मचारियों के एक धड़े ने नियामक की मुख माधबी पुरी बुच के ऊपर दफ्तर का माहौल खराब करने, साथ काम करने वाले लोगों के साथ खराब बर्ताव करने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. खबरों में कहा गया था कि सेबी के अधिकारियों ने चीफ के खराब व्यवहार की शिकायत पिछले महीने वित्त मंत्रालय को पत्र भेजकर की.

सेबी के कर्मचारियों ने लगाए ये आरोप

सेबी के कर्मचारियों का आरोप है कि माधबी पुरी बुच टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा देती हैं. उनके कार्यकाल में बैठकों में लोगों के ऊपर चिल्लाना और सार्वजनिक तौर पर जलील करना आम बात हो गई है. शिकायती पत्र पर सेबी के लगभग 500 कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं. सेबी के कर्मचारियों की कुल संख्या करीब 1 हजार है. मतलब सेबी के लगभग आधे कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय से शिकायत की है.

जानबूझकर बनाया जा रहा ऐसा नैरेटिव

नियामक का कहना है कि कर्मचारियों के लिए 2023 में भत्ते का निर्धारण हुआ है. वे उसके बाद भी कई अन्य फायदों समेत एचआरए में 55 फीसदी बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. उन्हें सेबी के द्वारा की रिजल्ट एरियाज (केआरए) के लिए ऑटोमेटेड मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के अपडेशन पर भी आपत्ति है, जिसका उद्देश्य नियामक के भीतर अधिक पारदर्शिता लाना, उत्तरदायित्व को बढ़ाना और निष्पक्षता को बेहतर बनाना है. बकौल नियामक, कुछ कर्मचारी जानबूझकर काम काज के तरीकों को लेकर इस तरह का नैरेटिव बना रहे हैं.

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