India has the largest population in the world, China is now at number two. Do you know what was the name of the condom when the government distributed it publicly for population control after the independence of the country?
भारत आज दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. देश में जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए सरकार दशकों से कई तरह की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया है. कंडोम में भी इन्हीं योजनाओं में से एक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कंडोम ब्रांड को किस कारण ‘निरोध’ नाम मिला था. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे कंडोम का नाम निरोध पड़ा था.
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देश में बढ़ती जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए भी सरकार ने कई योजनाओं के माध्यम से लोगों को कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया का पहला देश था, जिसने परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था. बता दें कि 1952 में शुरू हुए परिवार नियोजन कार्यक्रम में समय के साथ कई बदलाव हुए हैं. परिवार नियोजन का एक सुरक्षित और आसान तरीका आम लोगों के बीच कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देना भी था.
कंडोम का नाम कैसे पड़ा
बता दें कि साल 1963 में सरकार ने पहली बार देश में बड़े पैमाने पर कंडोम बांटने की योजना बनाई थी. तब सरकार ने अपने कंडोम ब्रांड का नाम ‘कामराज’ रखना था. अधिकांश लोग जानते होंगे कि भारत में कामदेव को यौन आकर्षण के देवता माना जाता है. कामदेव को ही कामराज भी कहते हैं. ‘काम’ का अर्थ ‘संभोग’ और ‘काम वासना’ का मतलब ‘संभोग की इच्छा’ होती है.
कैसे बदला कंडोम का नाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उस वक्त ये कंडोम के लिए यह एक उपयुक्त नाम था. लेकिन सरकार को इस नाम को छोड़ना पड़ा और अपने कंडोम ब्रांड को ‘निरोध’ नाम देना पड़ा था. यह नाम भी एक आईआईएम छात्र के दिमाग की उपज थी. बता दें कि निरोध का मतलब सुरक्षा होता है.
क्यों नहीं रखा कामराज नाम
अब सवाल ये है कि सरकार ने कंडोम का नाम कामराज क्यों नहीं रखा था. बता दें कि सरकार ने अपने कंडोम ब्रांड का नाम कामराज इसलिए नहीं रखा था, क्योंकि तब सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष के. कामराज हुआ करते थे. के. कामराज कांग्रेस में नेहरू के बाद सबसे बड़े नेताओं में से एक थे. इतना ही नहीं वह अप्रैल 1954 से अक्टूबर 1963 के बीच दो बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे थे. कहा जाता है कि नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री और उसके बाद इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में कामराज की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. यही कारण है कि उस वक्त कंडोम का नाम कामराज से बदलकर निरोध रखा था.
एजुकेशन डेवलपमेंट डे
रिपोर्ट्स के मुताबिक गरीब परिवार से आने वाले कामराज खुद स्कूल ड्रॉपआउट थे. लेकिन उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में इतना काम किया था कि अब उनके जन्मदिन को पूरे तमिलनाडु में ‘एजुकेशन डेवलपमेंट डे’ के रूप में मनाया जाता है.